भारतीय सेना को जल्द ही मिलेगी अत्याधुनिक हथियारों की पहली खेप, अमेठी में एके 203 राइफल का निर्माण शुरू
अमेठी
उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित कोरवा आयुध फैक्ट्री में एके-203 राइफलों का निर्माण शुरू हो गया है। इंडो रशियन ज्वाइंट वेंचर के तहत इंडो रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इसका निर्माण कर रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ ही महीनों में राईफलों की पहली खेप भारतीय सेना को मिल जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मार्च 2019 को अमेठी के सम्राट मैदान से एके 203 फैक्ट्री का शिलान्यास किया था। इसमें इंडो रशियन राइफल प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत सेना के लिए अत्याधुनिक राइफलों का निर्माण किया जाएगा। यहां पर पूरी तरह से मेक इन इंडिया आधारित राईफलों का निर्माण होना है। पहले कोरोना और फिर रूस यूक्रेन युद्ध के चलते इस कार्य में थोड़ा विलंब हुआ। फलों के निर्माण के लिए रूस की ओर से रोसोबोरोन एक्सपोर्ट और क्लाशिनकोव जबकि भारत की ओर से एडब्ल्यूईआईएल (एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड) और एमआईएल (म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड) के मध्य समझौता हुआ है। मंगलवार को रोसोबोरोनेक्सपोर्ट ने एक प्रेस रिलीज जारी कर आयुध निर्माणी कोरवा में राईफलों का निर्माण शुरू होने की जानकारी दी है।
जारी प्रेस रिलीज में रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अमेठी में कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में 7.62 एमएम असॉल्ट राइफलों की पहली खेप का उत्पादन हुआ है। भारतीय सेना को इसकी डिलीवरी जल्द होगी। इसके साथ ही कारखाने के पास भारत के दूसरे सुरक्षाबलों को भी हथियार मुहैया कराने की क्षमता है।
इन खूबियों से है लेस
एके-203 एके सीरीज की सबसे घातक राइफल है। यह हर मौसम में कारगर है। इस हथियार से एक मिनट में 700 राउंड फायरिंग की जा सकती है। इसकी रेंज 500 से 800 मीटर है। एक मैगजीन में 30 राउंड फायरिंग की क्षमता है।