कोविड के खिलाफ टीका रामबाण, पहले संक्रमित हो चुके लोगों को भी खतरा कम
नई दिल्ली
हाइब्रिड इम्युनिटी या पुराना कोविड-19 संक्रमण दोबारा कोरोना का शिकार होने से बचाने में कारगर साबित हो रहा है। हाल ही में प्रकाशित लैंसेट की एक स्टडी में इसके संकेत मिले हैं। स्टडी में कहा गया है कि वैक्सीन नहीं लेने वाले या अब तक संक्रमण से बचे लोगों की तुलना में हाइब्रिड इम्युनिटी और पहले कोविड का शिकार हो चुके लोग एक साल बाद भी अधिक सुरक्षित हैं। जानकारों ने कोविड संक्रमण और हाइब्रिड इम्युनिटी से हासिल इम्युनिटी की समीक्षा की थी। उन्होंने पाया कि हाइब्रिड इम्युनिटी हासिल करने के एक साल बाद व्यक्ति में गंभीर रूप से कोविड का शिकार होने या अस्पताल में भर्ती होने की संभावनाएं 95 फीसदी तक कम हो गई थीं। जबकि, एक साल पहले संक्रमित हुए और टीकाकरण नहीं लेने वाले व्यक्ति के मामले में यह आंकड़ा 75 फीसदी तक कम हो गया।
जब कोई व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुका है और टीकाकरण भी करा चुका है, तो वह हाइब्रिड इम्युनिटी हासिल कर लेता है। ताजा स्टडी में शोधकर्ताओं ने 26 स्टडीज का डेटा एनालिसिस किया है। जानकारों का कहना है कि टीकाकरण गंभीर बीमारी और कोविड-19 के बाद होने वाली जटिलताओं को कम कर देता है। पेपर के अनुसार, 'सिस्टेमैटिक रिव्यू और मेटा रिग्रेशन से पता चला है कि पहले हो चुका संक्रमण और संक्रमण के साथ टीकाकरण ओमिक्रॉन के कारण हुए SARS-CoV-2 इंफेक्शन के खिलाफ तेजी से घटती सुरक्षा प्रदान करता है। यह ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की स्थित के खिलाफ बड़ी सुरक्षा देता है।'
शोधकर्ताओं का मानना है, 'यह पाया गया है कि पहले हुआ संक्रमण वैक्सीन की तुलना में दोबारा संक्रमित होने और अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी विकसित करने में ज्यादा सुरक्षा देता है। जबकि, हाइब्रिड इम्युनिटी वाले सभी लोगों में हर चीज को लेकर सुरक्षा ज्यादा थी।'
पेपर के अनुसार, 'संक्रमण से आई सुरक्षा दोबारा संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा को तेजी से कम कर देती और टीकाकरण उसकी ड्यूरेबिलिटी को बढ़ाती है। इसके अलावा संक्रमण से जुड़े कई गंभीर जोखिम हैं। इनमें अस्पताल में भर्ती होने, ICU और मैकेनिकल वेंटिलेशन और मौत शामिल हैं। इसके अलावा मरीजों में कोविड-19 के बाद अन्य परेशानियों से घिरने का भी जोखिम है।'