सऊदी अरब बदलेगा आर्थिक मदद देने का तरीका, पाकिस्तान से तंग आकर लिया बड़ा फैसला?
सऊदी अरब
सऊदी अरब के वित्तमंत्री ने बुधवार को कहा है, कि किंगडम ने अपने सहयोगियों को आर्थिक मदद देने के तरीके में बदलाव करने का फैसला किया है। सऊदी वित्त मंत्री ने दावोस शिखर सम्मेलन में कहा है, कि अभी तक सऊदी अरब अपने सहयोगियों को डायरेक्ट वित्तीय मदद दे दिया करता था, लेकन अब ऐसा नहीं किया जाएगा। सऊदी वित्त मंत्री की दावोस में इस घोषणा ने पाकिस्तान की धड़कनें बढ़ा दी हैं, क्योंकि पिछले हफ्ते भी सऊदी अरब ने आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान को आर्थिक मदद दी है।
सऊदी अरब कर्ज देने के तरीके बदलेगा
सऊदी अरब के वित्तमंत्री ने कहा है, सऊदी अरब पहले सीधे अनुदान या बिना शर्त आर्थिक मदद देने के फैसले को बदल रहा है। दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में सऊदी वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जादान ने कहा है, कि सऊदी साम्राज्य क्षेत्र के देशों को आर्थिक सुधारों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा है, कि "पहले हम बिना किसी शर्त के सीधे अनुदान देते थे, मदद के नाम पर पैसे सीधे जमा करा देते थे, जिसे अब हम बदल रहे हैं"। उन्होंने कहा, कि अब हम "अपनी कर्ज देने की नीति में बदलाव करने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों के साथ काम कर रहे हैं, कि हमें मदद देने के सुधार देखने की जरूरत है।' सऊदी वित्त मंत्री की ये घोषणा काफी अहम है और उनके कहने का मतलब ये है, कि अब सऊदी अरब कर्ज देने के बाद उस देश में कर्ज के पैसे कहां खर्च किया जा रहा है, उसकी हर रिपोर्ट हासिल करेगा।
सऊदी वित्त मंत्री के बयान का मतलब
सऊदी अरब के वित्तमंत्री ने कहा है, कि "हम अपने लोगों पर टैक्स लगा रहे हैं, हम दूसरों से भी ऐसा ही करने की उम्मीद कर रहे हैं। हम मदद करना चाहते हैं, लेकिन हम चाहते हैं, कि आप भी अपनी भूमिका निभाएं।" उनके कहने का मतलब ये हुआ, कि सऊदी अरब अब आईएमएफ जैसे वित्तीय संस्थानों की तरह आर्थिक मदद देगा, यानि शर्तों के आधार पर आर्थिक मदद देगा, जो पाकिस्तान जैसे देशों के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। आपको बता दें कि, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी अरब राज्य जैसे संयुक्त अरब अमीरात और कतर अब डायरेक्ट आर्थिक मदद देने के बजाय तेजी से निवेश की ओर बढ़ रहे हैं। यानि, ऐसे देश, जो कर्ज लेकर जिंदा हैं, उन्हें आने वाले वक्त में बहुत बड़ा झटका लगने वाला है।