November 28, 2024

कोरेगांव-भीमा जांच आयोग को तीन महीनों के लिए आगे बढ़ाया गया, गवाहों के बयान होंगे रिकॉर्ड

0

पुणे
1 जनवरी, 2018 को हुई हिंसा की जांच कर रहे कोरेगांव-भीमा जांच आयोग को महाराष्ट्र सरकार की ओर से तीन महीनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। दरअसल, पैनल की ओर से गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए समय मांगा गया था जिसे मंजूरी दे दी गई है। इससे पहले भी दो सदस्यीय आयोग को अतिरिक्त समय दिया गया था जो कि 31 दिसंबर, 2022 तक वैध था।

31 मार्च तक के लिए बढ़ाया गया
मंगलवार को एक सरकारी अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें लिखा गया है, "आयोग को 31 दिसंबर, 2022 तक विस्तार दिया गया था, लेकिन अब आयोग को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक का समय दिया गया है।" अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि जांच पैनल ने गवाहों के बयान दर्ज करने और दोबारा पूरे जांच की समीक्षा करने के लिए समय मांगा था जिसकी वजह से उन्हें तीन महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है।

2018 के नए साल पर भड़क उठी थी हिंसा
आपको बता दें, 1 जनवरी, 2018 को पुणे जिले में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी। दलित बड़ी संख्या में स्मारक का दौरा करते हैं क्योंकि यहां 1818 में पुणे के ब्राह्मण पेशवा शासकों की सेना पर ब्रिटिश सेना की जीत का जश्न मनाया जाता है। इस विजयी सेना दल में कई दलित सैनिक भी शामिल थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश जे एन पटेल का दो सदस्यीय आयोग और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सुमित मलिक इस पूके मामले की जांच कर रहे हैं।
 
2018 में जांच आयोग का गठन किया गया था जब देवेन्द्र फडणवीस की सरकार सत्ता में थी। उस दौरान आयोग को कई बार अतिरिक्त समय भी दिया गया था। हालांकि, पुणे पुलिस ने आरोप लगाया था कि 31 दिसंबर, 2017 को शहर में आयोजित 'एल्गार परिषद सम्मेलन' में दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण हिंसा भड़क उठी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *