मनीष तिवारी ने गे वकील सौरभ कृपाल के मामले में RAW की रिपोर्ट पर उठाए सवाल, बोले- यह तो IB का काम है
नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल के मामले में रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह अजीब है कि रॉ एक भारतीय नागरिक की जांच क्यों कर रहा था। RAW के पास तो स्पष्ट रूप से बाहरी कार्य है। भले ही सौरभ कृपाल का पार्टनर एक स्विस नागरिक है। फिर भी यह इंटेलिजेंस ब्यूरो का काम है, RAW का नहीं। जब तक कि हम उनके मूल देश में उनकी परिचय की जांच नहीं कर रहे हैं।
मनीष तिवारी ने कहा कि RAW एक भारतीय नागरिक के सेक्सुअल ओरिएंटेशन की जांच कैसे कर रहा था? भारत में एक स्विस नागरिक भी उनके चार्टर के दायरे में नहीं आएगा। यही कारण है कि 2011 से मांग की जा रही थी कि IB, R&AW, NTRO को वैधानिक आधार पर रखने के लिए 2 प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए।
बता दें कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को नकार दिया था। जब उन्होंने गे वरिष्ठ वकील सौरभ किरपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने इस सिफारिश को ठुकराते हुए कहा कि सौरभ कृपाल का पार्टनर विदेशी है। खुफिया जानकारी लीक होने के अंदेशा के चलते सरकार ने उनकी नियुक्ति को नकार दिया था और इस पर आपत्ति जताई थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुरुवार को एक बार फिर अपनी सिफारिश दोहराई है।
कोलेजियम के बयान में अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में खुलकर बात करने के लिए उन्होंने सौरभ कृपाल की प्रशंसा की और कहा कि इसका श्रेय उन्हें जाता है कि वह इसके बारे में गुप्त नहीं हैं। कॉलेजियम ने सरकार की उन आशंकाओं को भी खारिज कर दिया था कि कृपाल का साथी स्विस नागरिक है, इसलिए इससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है।