कैलाश विजयवर्गीय ने किया धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन, कांग्रेस ने मांगा जवाब
खरगोन
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बहुचर्चित बागेश्वर धाम के पीठाधीश बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में खुलकर आ गए हैं. बाबा को लेकर नागपुर में मचे बवाल और अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति की शिकायत के बीच विजयवर्गीय ने कहा कि हिंदू महंत पर लगा आरोप मिथ्या है. सनातन धर्म में बहुत सारे हिंदू महात्मा हुए हैं. विजयवर्गीय ने यह बात शुक्रवार रात बडवाह प्रवास के दौरान कही. वे यहां संत श्री टाटमबरी सरकार के दर्शन करने आए थे.
उन्होंने कहा कि जावरा में लोग जमीन पर लोटते हैं, पिटते हैं, लेकिन वहां की कोई चर्चा नहीं होती. मैंने बाबा का इन्टरव्यू देखा है. उनके मुताबिक, ‘हिंदू महंत धीरेंद्र शात्री ने कहा है कि ये मेरा चमत्कार नहीं, मेरे ईष्ट का चमत्कार है. मुझे हनुमानजी और सन्यासी बाबा पर विश्वास है. सब कुछ उनकी कृपा से ही होता है. मैं तो छोटा सा साधक हूं.’
दरगाह पर कोई नहीं उठाता सवाल- विजयवर्गीय
उन्होंने कहा कि हिंदू महात्मा के साथ कोई घटना होती है तो लोग प्रश्न उठाया जाता है. जावरा की दरगाह पर आज तक किसी ने सवाल नहीं उठाया. इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने नर्मदा तट पर संत श्री टाटमबरी सरकार के दर्शन किए उन्होंने गुरू महाराज के दर्शन कर प्रसादी ली. उनके साथ बडवाह नगरपालिका अध्यक्ष राकेश गुप्ता सहित कई नेता मौजूद थे.
लगातार बढ़ता जा रहा विवाद
गौरतलब है कि बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित है. इससे जुड़ा विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बीते दिनों महाराष्ट्र के नागपुर से कथा छोड़कर आने पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि गुरु जी के जन्मदिन के कारण सभी जगहों की कथा से 2-2 दिन कम कर दिए गए थे. इसीलिए नागपुर की कथा से भी दो दिन कम किए गए.
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने दी चुनौती
बागेश्वरधाम सरकार पर महाराष्ट्र की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने जादू-टोना करने का आरोप लगाते हुए उन्हें चुनौती दी थी. दावा है कि इसके बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री रामकथा बीच में ही छोड़कर नागपुर से चले गए. छतरपुर के बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि वह नागपुर में पिछले सात दिन तक लगातार कथा करते रहे. इस बीच दो दिन दिव्य दरबार भी लगाया, तब किसी ने कोई चुनौती नहीं दी. लेकिन जैसे ही वह कथा से वापस लौटे तो सनातन धर्म विरोधियों ने यह दुष्प्रचार किया है.
बागेश्वर धाम ने चुनौती स्वीकार की
नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति से मिली चुनौती के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पहली बार शुक्रवार को रायपुर में अपना दरबार लगाया। यहां उन्होंने समिति के संस्थारक श्याम मानव पर जमकर निशाना। बाबा ने कहा, जिन्होंने हमें चुनौती दी है, हमें उनकी चुनौती स्वीकार है, लेकिन भले दरबार में। अगर हमने उनकी चुनौती के अनुसार सब सच बता दिया तो जीवनभर उनको हमारा गुलाम बनना पड़ेगा। अगर हमने नहीं बताया तो हम अंधविश्वासी हो गए।