नीतीश का महाराणा प्रेम क्यों जगा? स्कूलों में जीवनी पढ़ाई जाएगी, JDU घर-घर पहुंचाएगी किताब; 2024 पर नजर तो नही
पटना
देश एक एक कदम 2024 के लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिशन 2024 पर हैं और विपक्षी एकता के लिए सबकुछ कर रहे हैं। बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बाहर करने का सपना संजोय नीतीश कुमार देश यात्रा पर भी निकलने वाले हैं। इधर, बिहार में जाति आधारित गणना भी शुरू हो गई है। इनसब के बीच नीतीश कुमार का महाराणा प्रताप प्रेम अचानक ऐसा जग गया है कि उनकी जीवनी को कोर्स में शामिल करने के साथ-साथ घर किताब पहुंचाने का संकल्प लिया है।
नीतीश कुमार ने कहा है कि महाराणा प्रताप की जीवनी स्कूलों में भी बच्चों को पढ़ाई जाएगी। उनके बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि पता चले कि महाराणा प्रताप कौन थे और उन्होंने देश को क्या क्या दिया। मुख्यमंत्री ने जदयू कार्यकर्ताओं से भी आह्वान किया है कि महाराणा प्रताप ने जो कार्य किये, उन्होंने जो देशभक्ति तथा वीरता के आदर्श स्थापित किये, उसे किताब की शक्ल में छपवा कर घर-घर पहुंचा दें, ताकि नई पीढ़ी के लोग उनके बारे में और बेहतर ढंग से जान-समझ सकें। ठीक वैसे ही जैसे कि हमलोगों ने बापू के बारे में किताब छपवाकर पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस के मौके पर मिलर हाईस्कूल मैदान में आयोजित महाराणा प्रताप स्मृति समारोह ये बातें कहीं।
महाराणा की जाति-धर्म पर चर्चा
सीएम ने कहा कि ये भ्रम नहीं पैदा करना चाहिए कि उनका संबंध किसी एक जाति से था। महाराणा प्रताप समाज के हर तबके को साथ लेकर चलते थे। समाज का हर तबका उनसे जुड़ा हुआ था। भामाशाह ने उन्हें काफी मदद की थी। वे जैन धर्म के माननेवाले थे। हमलोग यहां जैन धर्म के लोगों को भी इज्जत देते हैं। ख्याल रखते हैं। महाराणा की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने वीरता की विशिष्ट छाप छोड़ी।
आयोजन के लिए संजय सिंह की तारीफ
आयोजन की तारीफ मुख्यमंत्री ने महाराणा प्रताप स्मृति समारोह के बेहतरीन आयोजन के लिए जदयू के विधान पार्षद तथा समारोह के अध्यक्ष संजय सिंह तथा उनकी टीम के छोटू सिंह, ओमप्रकाश सेतु, अशोक सिंह आदि को बधाई दी। कहा कि 19 जनवरी को महाराणा की आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई। उनके जन्मदिवस पर राजकीय समारोह का आयोजन तय हो गया है। संजय सिंह ने पगड़ी व छोटू सिंह समेत अन्य नेताओं ने गुलाब की माला (101 किलो) से सीएम का स्वागत किया।
महाराणा प्रताप की उदारता पर जोर
सीएम ने कहा कि जब युद्ध हुआ था, उसमें महाराणा प्रताप के पुत्र ने कुछ महिलाओं को गिरफ्तार किया था। महाराणा ने उनको रिहा करवाया था। वे महिलाओं के हित के बारे में भी सोचते थे। हम भी महिलाओं सहित समाज के हर समुदाय के लिए काम करते रहे हैं, सम्मान देते रहे हैं। हमने महाराणा के आदर्श को लागू किया है।
हमलोग वोट के लिए काम नहीं करते
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग सभी वर्गों के लिए काम करते हैं। वोट के लिए काम नहीं करते हैं। राजनीति में जिनको जिनका समर्थन करना है, वे स्वतंत्र हैं। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई कार्य किए गए हैं। जीविका दीदियां अपने परिवार के साथ-साथ समाज की बेहतरी के लिए भी कार्य कर रही हैं।