अखिलेश यादव भी स्वामी प्रसाद मौर्य से नाराज, कई विधायकों से की बात; सपा में उठे विरोध के स्वर
लखनऊ
श्रीरामचरित मानस पर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान को लेकर समाजवादी पार्टी में भी खलबली मच गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद इस बयान से खफा बताए जाते हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर कई विधायकों से बात भी की है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर कई लोग दबे स्वर में तो कई खुल कर बोल रहे हैं। सपा नेतृत्व जल्द इस पर कोई निर्णय ले सकता है।
सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने इस बयान को स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान बताया है। सपा के विधानमंडल दल में सचेतक व वरिष्ठ विधायक मनोज पांडेय ने कहा कि रामचरित मानस में समानता और सभी जातियों को सम्मान की बात है। निषादराज और श्रीराम का मिलन हो या शबरी के जूठे बेर का प्रसंग, मानस में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों सभी का सम्मान दर्शाया गया है। मनोज पांडेय ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष की जानकारी में है। वह इसे देख रहे हैं।
सपा के एक विधायक ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। इस तरह के बयान तो अब बसपा में भी नहीं दिए जाते। वह बसपा के पुराने नेता हैं और उन्होंने अपनी निजी राय जता दी। भाजपा में पांच साल मंत्री रहे तब उन्हें यह ख्याल नहीं आया। वह अपना चुनाव तक हार गए। गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को दिए एक बयान में रामचरित मानस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
उन्होंने कहा था कि मानस में जातीय आधार पर भेदभाव करती चौपाइयां लिखी गई हैं। इस आधार पर सरकार रामचरित मानस पर प्रतिबंध लगाया जाए या आपत्तिजनक चौपाइयों को ग्रंथ से बाहर किया जाए। श्रीरामचरित मानस पर कुछ दिनों पहले बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने भी विवादित टिप्पणी की थी जिसके बाद बिहार की सियासत गरमा गई थी।