अमेरिकी साजिश थी होमी जहांगीर भाभा की मौत? प्लेन क्रैश में मारे गए थे 117 लोग
नई दिल्ली
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ही तरह भारत के महान वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की मौत के बारे में भी कई बातें रहस्य ही हैं। उनकी मौत विमान हादसे में हो गई थी। हालांकि कई रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि यह हादसा नहीं बल्कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की साजिश थी। दरअसल अमेरिका नहीं चाहता था कि परमाणु हथियारों की श्रेणी में किसी और देश का नाम जुड़े। भारत इस दिशा में तेजी से काम कर रहा था और होमी जहांगीर भाभा के एक इंटरव्यू ने अमेरिका को और भी डरा दिया था।
1965 में डॉ. होमी जहांगीर भाभा ने ऑल इंडिया रेडियो पर एक इंटरव्यू दिया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें छूट मिल जाए तो 18 महीने में ही भारत के पास एटम बम होगा। इसी के तीन महीने बाद ही जब वह एअर इंडिया के बोइंग 707 विमान से लंदन जा र हे थे तभी रास्ते में विमान क्रैश हो गया। यूरोप के आल्प्स माउंटेन रेंज में विमान हादसे का शिकार हो गया। इसी में डॉ. भाभा की भी मौत हो गई। इस घटना को 24 जनवरी को 56 साल पूरे हो गए है।
डॉ. होमी जहांगीर भाभा एक पारसी परिवार से थे और उन्होंने इंजिनीयरिंग की पढ़ाई कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से की थी। वह जाने माने न्यूक्लियर फिजिसिस्ट थे। उनके काम के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाने लगा। हालांकि दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान 1939 में जब वह भारत आए तो यहीं के होकर रह गए। वह सीवी रमन लैब में काम करने लगे।