यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों का रूस पर बड़ा असर, शुरू हुआ दवा संकट; बेतहाशा बढ़ीं कीमतें
यूक्रेन
यूक्रेन से युद्ध और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का रूस पर बड़ा असर पड़ा है। वहां की दवा दुकानों में कई जरूरी दवाओं का घोर अभाव पैदा हो गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को खुद माना कि देश में कुछ दवाओं की कमी है और देश में दवाओं का अधिक उत्पादन करने के बावजूद कीमतें बढ़ चुकी हैं।
हालांकि,पश्चिमी देशों ने प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन को प्रतिबंधों से बाहर रखा है लेकिन ट्रांसपोर्ट सिस्टम की वजह से उसकी डिलीवरी भी प्रभावित हुई है। रॉयटर्स के मुताबिक, दवा उद्योग के आंकड़े बता रहे हैं कि युद्ध और अन्य प्रतिबंधों के कारण बीमा और सीमा शुल्क भी दवाओं के सप्लाई में बाधाएँ आई हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने अधिकारियों के साथ एक टेलीविजन बैठक के दौरान कहा, "कुछ दवाओं की कमी हो गई है। इस सत्य के बावजूद कि हमने पिछले साल की (पहली) तीन तिमाहियों में फार्मास्युटिकल उत्पादों के उत्पादन में लगभग 22% की वृद्धि देखी है।" उन्होंने कहा,"बाजार में 60 प्रतिशत दवाएं घरेलू हैं। फिर भी,कुछ दवाओं की किल्लत हुई है और कीमतें बढ़ी हैं।"
पिछले साल फरवरी में जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था, तभी रूसी नागरिकों ने दवाओं का स्टॉक करना शुरू कर दिया था। लोगों ने केवल दो सप्ताह में एक महीने की दवा खरीद ली थी।
रूस यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका से पेसमेकर और रेडियोथेरेपी उपकरणों समेत कई चिकित्सा उपकरण और कई प्रमुख दवाओं का बड़ा हिस्सा आयात करता है। यूक्रेन युद्ध की वजह से उसकी सप्लाई भी बाधित हुई है।