ई-वे बिल की तेजी दे रही जीएसटी कलेक्शन में उछाल के संकेत
नई दिल्ली
हर महीने जारी होने वाले ई-वे बिल में दिसंबर माह के दौरान रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि माल और सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन में जनवरी में तेज उछाल देखने को मिल सकता है।
जीएसटी की जिम्मेदारी संभालने वाली संस्था जीएसटीएन के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में 8.41 करोड़ ई-वे बिल जारी किए गए थे, जबकि सितंबर 2022 में यह आंकड़ा 8.40 करोड़ था। ई-वे बिल की बदौलत सितंबर में 1.52 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था। उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर में ई-वे बिल के जो आंकड़े आए हैं, उनका असर जनवरी में जीएसटी कलेक्शन पर भी देखने को मिलेगा।
अक्टूबर-नवंबर में आई थी गिरावट
गौरतलब है कि सितंबर के बाद अक्टूबर और नवंबर में ई-वे बिल में गिरावट देखी गई थी। जानकारों की माने तो इसके पीछे का कारण अक्टूबर और नवंबर में लंबी छुट्टियां थी। इसके कारण सामानों की आवाजाही में कुछ कमी दर्ज हुई थी। हालांकि, मांग मजबूत बने रहने के कारण एक बार फिर दिसंबर में ई-वे बिल में उछाल देखने को मिला है।
उत्पादन क्षेत्र में आई मजबूती
ई-वे बिल को आर्थिक गतिविधियों के संकेत के रूप में भी देखा जाता है। परचेज मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) के अनुसार दिसंबर में उत्पादन क्षेत्र बहुत मजबूत रहा है। एसएंडपी ग्लोबल ने भी 400 कंपनियों का सर्वे कराया था, जिसमें सामने आया है कि दिसंबर में भारतीय उत्पादकों के लिए परिस्थितियों में सुधार हुआ था। दिसंबर में पीएमआई 57.8 पर पहुंच गया था, जो नवंबर में 55.7 था। पीएमआई मिश्रित सूचकांक है, जिसे उत्पादन और सेवा क्षेत्र की स्थिति का आंकलन करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
क्या होता है ई-वे बिल
वस्तुओं की आवाजाही के लिए कंप्यूटर आधारित चालान को ई-वे बिल कहते हैं। एक शहर से दूसरे शहर या राज्य में 50 हजार रुपये से अधिक की वस्तुओं की आवाजाही के लिए ई-वे बिल अनिवार्य है। इसको किसी भी समय कहीं से बैठे ट्रैक किया जा सकता है कि संबंधित वाहन कहां है। इससे कर चोरी पर अंकुश लगने के साथ-साथ परिवहन कंपनियों की लागत भी घटती है