October 4, 2024

प्रदेश के पहले मैकेनाइज्ड किचन आज शुरू, 900 स्कूलों के 48000 बच्चों के लिए तैयार होगा मिड-डे मील

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भोपाल
राजधानी भोपाल के शाहपुरा इलाके में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज मध्य प्रदेश की पहली मैकेनाइज्ड किचन का उद्घाटन करेंगे। बता दे प्रदेश में संचालित सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड डे मील यानी दोपहर के भोजन को लेकर कई प्रकार की शिकायतें सामने आती रहती हैं। इसके कारण अक्सर स्थानीय प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग परेशान रहता है, लेकिन अब राजधानी भोपाल से सरकारी स्कूलों के बच्चों को हाइजीनिक तरीके से बनाया गया भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

भोपाल के शाहपुरा इलाके में मप्र की पहली मैकेनाइज्ड किचन शुरू हुई है। अक्षयपात्र फाउंडेशन ने एचईजी मंडीदीप के सीएसआर फंड से करीब 12 करोड़ रुपए में यह हाईटेक किचन सेटअप तैयार किया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज इसका उद्घाटन किया।

एक घंटे में 20 हजार रोटियां हाेंगी तैयार

अक्षयपात्र फाउंडेशन की किचन में पूरा खाना हाईजीनिक तरीके से बनाया जाएगा। इस किचन में सब्जियां छीलने काटने से लेकर आटा गूंथने और रोटियां सेंकने तक का पूरा प्रोसेस मशीनों के जरिए होगा। इस किचन में लगी मशीन एक घंटे में 20 हजार रोटियां बना सकती है। एक बार में 12 हजार लीटर दाल, 125 किलो चावल पक सकेंगे। इस किचन में करीब डेढ़ सौ कर्मचारी प्रतिदिन काम करेंगे।

देश की 66वीं रसोई, एमपी की पहली

अक्षयपात्र फाउंडेशन अब तक देश भर में 65 रसोइयां तैयार कर चुका है। भोपाल में यह 66 वीं रसोई 12 करोड रुपए में तैयार की गई है। अक्षयपात्र फाउंडेशन के अफसरों ने बताया कि यह रसोई दो साल पहले बनकर तैयार हो गई थी लेकिन कोरोना के संकट के कारण स्कूलों के बंद होने के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। सरकार की ओर से प्रति छात्र मिलने वाले 7 रुपए के अलावा भोजन की लागत का पैसा एचईजी अक्षयपात्र फाउंडेशन को तीन साल तक मुहैया कराएगा। भोपाल के शाहपुरा थाने के पीछे करीब एक एकड़ जमीन में यह रसोई बनाई गई है।
 जानिए प्रदेश की सबसे बड़ी किचन के बारे में…..

मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी किचन

अक्षय पात्र फाउंडेशन ने भोपाल के शाहपुरा में मध्य प्रदेश की पहली मैकेनाइज्ड किचन की शुरुआत की है। अक्षय पात्र फाउंडेशन ने मंडीदीप एचपी जीके सीएसआर फंड से इस हाईटेक किचन सेटअप को तैयार किया है। अक्षय पात्र फाउंडेशन भोपाल के मैनेजर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि यह देश की 66 भी और मध्य प्रदेश की पहली मैकेनाइज्ड किचन है,जिसे अक्षय पात्र फाउंडेशन ने तैयार किया है। अक्षयपात्र फाउंडेशन अब तक देश में 65 इस तरह की किचन तैयार कर चुका है।

20 हजार रोटियां प्रति घंटे बनकर होंगी तैयार

अक्षय पात्र फाउंडेशन भोपाल के मैनेजर वीरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि फाउंडेशन की किचन में पूरा खाना हाइजीनिक तरीके से बनाया जाता है। इस किचन में सब्जियां छीलने काटने से लेकर आटा गूंदने और रोटियां सेकने तक पूरा प्रोसेस मशीनों के जरिए होगा। किचन में लगी मशीन 1 घंटे में करीब 20 हजार रोटियां बना सकती है। एक बार में 12 हजार लीटर दाल और 125 किलो चावल को पकाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि किचन में काम करने के लिए लगभग डेढ़ सौ कर्मचारी की आवश्यकता पड़ेगी।

12 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुई बड़ी किचन

अक्षय पात्र फाउंडेशन अब तक देश में 60 से ज्यादा रसोईया तैयार कर चुका है। भोपाल के शाहपुरा में बनाई गई इस किचन की लागत करीब 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है। फाउंडेशन के मैनेजर ने बताया कि यह रसोई करीब 2 साल पहले बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन कोविड के संकट के कारण स्कूलों के बंद होने के चलते इसकी शुरूआत नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से प्रति छात्र भोजन पर 7 रुपए के अलावा मंडीदीप एचपी जी लागत का पैसा 3 साल तक मुहैया कराएगा। भोपाल की शाहपुरा थाने के पीछे करीब 1 एकड़ जमीन में ये किचन बनाई गई है।

राजधानी के सरकारी स्कूलों में करीब 48 हजार बच्चों को मिलेगा गर्म खाना

अक्षय पात्र फाउंडेशन के भोपाल सेंटर के इंचार्ज वीरेंद्र सिंह ने बताया कि संत हिरदाराम नगर बैरागढ़ से लेकर मंडीदीप भोपाल जिले की 40 किलोमीटर की सीमा में करीब 900 सरकारी स्कूल है। जिसमें करीब 48000 बच्चों को रोजाना पका हुआ गर्म खाना उपलब्ध करवाया जाएगा किचन से स्कूल तक भोजन पचाने के लिए करीब 19 लोडिंग वैन तैनात रहेंगी।

 

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