झटका :Digvijay Singh से कमलनाथ ने बनाई दूरी, क्या होगा इसका चुनाव पर असर
भोपाल
प्रदेश में कुछ महीनों बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। कांग्रेस पार्टी चुनावी तैयारियों में जुटी है। राहुल गांधी माहौल बनाकर गए थे। दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने एक झटके में कांग्रेस के मिशन को पलीता लगा दिया है। इसके बाद बीजेपी टूट पड़ी है। सर्जिकल स्ट्राइक वाले बयान को एमपी में बीजेपी के दिग्गजों ने लपक लिया है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय सिंह के बयान से दूरी बना ली है। राहुल गांधी से लेकर कमलनाथ तक ने उसे किनारा कर लिया है। वहीं, बीजेपी इससे भुनाने में पूरी तरह से जुट गई है।
वहीं, विवाद बढ़ने के बाद दिग्विजय सिंह अब डैमेज कंट्रोल में लगे हैं। उन्होंने कहा कि वह सशस्त्र बलों का बेहद सम्मान करते हैं। उनके सवाल सरकार से थे। चुनावी साल में इससे होने वाले नुकसान का अंदाजा राहुल गांधी को है। उन्होंने इसे 'हास्यास्पद’ करार दिया और कहा कि सशस्त्र बल 'असाधारण रूप से अच्छा' काम कर रहे हैं और उन्हें कोई सबूत दिखाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी सिंह के बयान से पूरी तरह से असहमत है। बीजेपी ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सिंह की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया की है।
दिग्विजय सिंह ने खुद संभाला मोर्चा
वहीं, विवाद बढ़ने के बाद दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर कहा कि मैंने अपने सशस्त्र बलों को सर्वोच्च सम्मान दिया है। मेरी दो बहनों की शादी नौसेना अधिकारियों से हुई थी। रक्षा अधिकारियों से सवाल पूछने का कोई सवाल ही नहीं है। मेरे सवाल मोदी सरकार से हैं। उन्होंने कहा कि उस अक्षम्य खुफिया विफलता के लिए कौन जिम्मेदार है, जहां हमारे 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए थे? आतंकवादी 300 किलोग्राम आरडीएक्स कहां से ला सकते थे? सीआरपीएफ कर्मियों को एयरलिफ्ट करने के अनुरोध को अस्वीकार क्यों किया गया?
ट्वीट में सिंह ने सरकार से कुछ सवाल किए। कांग्रेस नेता ने पूछा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा आतंकवादियों के साथ पकड़े जाने के बाद पुलवामा के रहने वाले डीएसपी देविंदर सिंह को क्यों छोड़ दिया गया? पुलवामा आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक है, इलाके और वाहनों की जांच और चूक मुक्त बनाने की कार्रवाई क्यों नहीं की गई। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “मोदी सरकार से ये मेरे वैध प्रश्न हैं। क्या मुझे एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में तथ्यों को जानने का अधिकार नहीं है? इस गंभीर चूक के लिए किसे दंडित किया गया है? किसी अन्य देश में गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता।
अकेले पड़े दिग्विजय सिंह
राहुल गांधी ने कहा है कि पार्टी के विचार दिग्विजय सिंह के विचारों से ऊपर हैं। पार्टी के भीतर बातचीत से विचार उत्पन्न होते हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनके विचार…वे विचार नहीं हैं जो पार्टी के केंद्र में रखे जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम बिल्कुल स्पष्ट हैं कि सशस्त्र बल काम करते हैं। वे असाधारण रूप से अच्छा काम करते हैं। उन्हें किसी भी चीज का सबूत देने की जरूरत नहीं है।
कमलनाथ ने भी बनाई दूरी
इस विवाद से एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी दूरी बना ली है। उन्होंने दिग्विजय सिंह के सवाल पर चुप्पी साध ली है। साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है। पार्टी का स्टैंड ही हमारा स्टैंड है।
बीजेपी को मिल गया मुद्दा
गौरतलब है कि एमपी विधानसभा चुनाव होने हैं। 15 महीने में सरकार गिर जाने के बाद कमलनाथ फिर से मेहनत कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी उन्हें भावी मुख्यमंत्री अभी से बताने लगी है। साथ ही कमलनाथ भी दावा कर रहे हैं कि हमारी वापसी हो रही है। इस बीच दिग्विजय सिंह ने बीजेपी को बड़ा मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस पार्टी में दिग्विजय सिंह बीजेपी के निशाने पर रहते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनके पुराने बयानों को लेकर बीजेपी ने खूब हमले किए थे यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक चुनावी रैली में जाकिर नाइक के साथ संबंधों का जिक्र किया था।