शबनम कश्मीर की पहली इन्डेपेंडेंट प्रोफेशनल इलेक्ट्रिशियन
जम्मू
आमतौर पर जो लोग महिला सशक्तिकरण(women empowerment) को हल्के में लेते हैं वे अकसर कहते सुने जाते हैं कि 'महिलाएं बिजली के पोल पर नहीं चढ़ सकती हैं!' यहां की शबनम ने ऐसे लोगों को करारा जवाब दिया है। जम्मू की ये महिला इलेक्ट्रिशियन(woman electrician) सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। ये इंडेपेंडेंटिली इलेक्ट्रिक वर्क करने की चाहत रखने वाली महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं। पढ़िए पूरी कहानी…
पॉलिटेक्निक कॉलेज श्रीनगर से किया है इलेक्ट्रिशियन का डिप्लोमा
डोडा जिले के एक दूरदराज के गांव कहारा की रहने वाली शबनम ने एक ऐसा प्रोफेशन चुना है, जो परंपरा से हटकर है। एक ऐसा पेशा, जिसमें जम्मू और कश्मीर में महिलाओं की बहुत कम रुचि है। सिर्फ इसी प्रदेश क्यों, देश के बाकी राज्यों में भी न के बराबर महिलाएं होंगी, जो इस प्रोफेशन में होंगी। इस काम में ज्यादातर पुरुषों का दखल है।
शबनम ने 2013 में गवर्नमेंट हायर सेकंडरी स्कूल कलहोत्राण से 10वीं की परीक्षा पास की थी। शबनम ने 2016 में पॉलिटेक्निक कॉलेज श्रीनगर से इलेक्ट्रीशियन में डिप्लोमा पूरा किया।
2014 में पिता की मौत के बाद शबनम ने कहा कि घर में आर्थिक तंगी के कारण उनका परिवार मानसिक तनाव में आ गया था। खुद के पैरों पर खड़ा होने के लिए शबनम
जम्मू लौट आईं। यहां बिजली की फिटिंग का प्रशिक्षण लिया और काम करने लगीं। शबनम ने कहा कि वह घर-घर जाकर बिजली फिटिंग का काम करके अपनी रोजी-रोटी कमाती हैं।
पहले मजबूरी में शुरू किया काम, अब पहचान बनी
शबनम ने एक लोकल मीडिया को बताया, "मैंने यह काम मजबूरी में शुरू किया था, लेकिन अब मैं अपने काम के लिए व्यापक पहचान प्राप्त करने के बाद इस क्षेत्र में एक नाम स्थापित करना चाहती हूं।"
शबनम ने बताया कि इस काम से जो कमाई होती है, उससे वह अपने घर का खर्च चला रही हैं। शबनम ने कहा कि कोई भी क्षेत्र पुरुष या महिला के लिए रिजर्व नहीं है। आपमें बस इसे करने का जुनून होना चाहिए। सफलता, प्रसिद्धि और सम्मान अपने आप मिल जाएगा। आत्मविश्वास, समर्पण और ईमानदारी आपको बहुत आगे ले जाएगी। शबनम ने कहा कि उनके परिवार ने इसका पूरा समर्थन किया। इस प्रोफेशन में आगे बढ़ने में मदद की।
आलोचना नहीं, अपने काम पर ध्यान दें
शबनम ने कहा, "कुछ लोग आलोचना करते हैं, लेकिन हमें ऐसे लोगों का सामना करना चाहिए और अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। उनके हर सवाल का जवाब हमारा काम हो सकता है। जब हम अपने काम पर पूरा ध्यान देंगे और अपनी मंजिल पर पहुंचेंगे, तो कल यही लोग हमारे काम की तारीफ किए बिना चुप नहीं रह सकेंगे, लेकिन शर्त यह है कि इंसान अपने काम में निरंतरता दिखाए।"
एमटेक कर चुके सिविल सेवा के इच्छुक आकिब राशिद खान ने अपने साथियों के साथ एक टीम बनाई है। आकिब जम्मू में एक कार्यालय खोलने की योजना बना रहे हैं और सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए एक वेबसाइट शुरू करने की भी उम्मीद कर रहे हैं। शबनम उनकी टीम का हिस्सा हैं।
शबनम ने कहा, 'आकिब राशिद खान मेरे क्लासमेट हैं। उन्होंने बिजली मिस्त्रियों की एक टीम बनाई है और मुझे इस टीम का हिस्सा बनाया है। मैं इस टीम के साथ काम करती हूं। मैं काम करते हुए सुरक्षित महसूस करती हूं। लड़कियों को हर क्षेत्र में किस्मत आजमाना चाहिए। क्योंकि लड़कियों के लिए कोई भी क्षेत्र असुरक्षित नहीं है। हर क्षेत्र में कुछ संकीर्ण सोच वाले लोग होते हैं, जो अपने कार्यों से अपने क्षेत्र का नाम खराब करते हैं। ऐसे तत्वों से लड़ने के लिए, सभी बाहरी गतिविधियों में भाग लेने का प्रयास किया जाना चाहिए। तब ऐसे तत्वों को सबक सिखाया जाना चाहिए।"