November 25, 2024

हम नहीं सुधरे तो देश में घातक बीमारियों की सुनामी आने की चेतावनी

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    नई दिल्ली

अमेरिका के एक नामी कैंसर रोग विशेषज्ञ ने चेताया है कि आने वाले समय में भारत को कैंसर जैसी घातक बीमारियों की सुनामी झेलनी पड़ सकती है. उन्होंने इसकी वजह ग्लोबलाइजेशन, बढ़ती अर्थव्यवस्था, बूढ़ी हो रही जनसंख्या और भारतीय आबादी के बीच तेजी से बढ़ रही खराब लाइफस्टाइल बताई है. उन्होंने इस सुनामी को रोकने के लिए मेडिकल तकनीक को बढ़ावा देने पर जोर दिया.

अमेरिका के ओहियो स्थित क्लीवलैंड क्लिनिक के हेमेटोलॉजी एंड मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जामे अब्राहम ने यह भी कहा कि भारत में जिस तरह से गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं, इसे रोकने के लिए यह बेहद जरूरी है कि वो इसकी रोकथाम और उपचार पर तेजी से काम शुरू करे. भारत को कैंसर के टीके, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा डिजिटल तकनीक को एडवांस्ड करना जरूरी है.

भारत में भयावह होते हालात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने बताया था कि देश में 2020 से 2022 के बीच अनुमानित कैंसर के मामले और इससे होने वाली मृत्यु दर में वृद्धि हुई है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अनुसार, 2020 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कैंसर के अनुमानित मामले 2020 में 13. 92 लाख (लगभग 14 लाख) थे जो 2021 में बढ़कर 14.26 लाख हुए और 2022 में बढ़कर 14.61 लाख पर पहुंच गए थे.

2020 में भारत में कैंसर के कारण अनुमानित मृत्यु दर 7.70 लाख (लगभग सात लाख 70 हजार) थी जो 2021 में बढ़कर 7.89 लाख और 2022 में बढ़कर 8.8 लाख हो गई थी.

डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट किए जा रहे नए सालाना कैंसर के केसों की 2020 की रैंकिंग में चीन और अमेरिका के बाद भारत को तीसरे स्थान पर रखा था.

भारत में महिला और पुरुष में ये कैंसर सबसे आम
पिछले कुछ सालों के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पुरुषों में सबसे ज्यादा मुंह और फेफड़ों के कैंसर के मामले सामने आए. वहीं महिलाओं में सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट और गर्भाशय के कैंसर के रहे. भारत में साल 2018 में ब्रेस्ट कैंसर से 87 हजार महिलाओं की मौत हुई थी.

यशोदा हॉस्पिटल, कौशांबी (गाजियाबाद) के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल ऑन्कोलॉजी में यूनिट हेड और कन्सल्टेंट डॉक्टर अभिषेक यादव कहते हैं, ''भारत में कैंसर के मामलों में पिछले कुछ सालों में काफी तेजी आई है. यहां हर साल कैंसर के 10 से 15 केस सामने आते हैं. जबकि पूरी दुनिया में 1.8 करोड़ लोग हर साल कैंसर की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले मुंह के कैंसर, फेंफड़ों के कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के हैं.''

उन्होंने आगे कहा, ''ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी (GCO), ग्लोबोकॉन और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के आंकड़े बताते हैं कि भारत समेत पूरी दुनिया में ही मुंह, फेफड़ों और ब्रेस्ट कैंसर के केस बढ़े हैं. भारत में हर साल करीब तीन लाख केस मुंह के कैंसर के आते हैं. इसके बाद दो लाख केस ब्रेस्ट कैंसर और लगभग एक लाख के करीब मामले फेफड़ों के कैंसर के होते हैं.''
 
भारत में पुरुष सबसे ज्यादा मुंह और फेफड़ों के कैंसर का शिकार होते हैं जिसकी सबसे बड़ी वजह धूम्रपान और तंबाकू का सेवन है. वहीं, महिलाएं सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर का शिकार होती हैं.

ये हैं कैंसर पैदा करने वाले फैक्टर

डॉक्टर अभिषेक कहते हैं, ''भारत ही नहीं पूरी दुनिया में इस बीमारी के बढ़ने की वजह गलत खानपान, लाइफस्टाइल, स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, प्रदूषण, पेस्टिसाइड्स और केमिकल से संक्रमित भोजन का सेवन जैसे फैक्टर्स शामिल हैं.''

उन्होंने बताया, ''कुछ तरह के कैंसर बढ़ने की प्रमुख वजहों में ह्यूमन पेपिलोमावायरस इंफेक्शन (HPV), हेपेटाइटिस बी और सी जैसी संक्रमण वाली बीमारियां शामिल हैं. ये लिवर, ब्रेस्ट और सर्वाइकल और मुंह के कैंसरों की वजह बनती हैं. हेपेटाइटिस बी और सी लिवर कैंसर का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है. HPV ओरल और सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण है.''

उन्होंने इससे बचने के तरीके बताते हुए कहा, ''HPV हेपेटाइटिस बी और सी जैसी वायरल डिसीस से बचने के लिए वैक्सिनेशन जरूरी है. इनकी दो खुराकें ली जाती हैं.

वहीं, ब्रेस्ट और सर्वाइकल जैसे कैंसरों से बचने के लिए साल में एक बार स्क्रीनिंग जरूरी है. 55 से ऊपर के बुर्जुगों को साल में एक बार स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए.

इसके साथ ही हर किसी को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए जिसमें पौष्टिक खानपान और एक्टिव लाइफस्टाइल शामिल है. धूम्रपान, तंबाकू और शराब से बचना चाहिए.''

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