भारत और मिस्त्र का संयुक्त बयान; आतंकवाद को शरण देना बंद करे विश्व, एक और मुस्लिम देश की पाक को परोक्ष चेतावनी
नई दिल्ली
भारत और मिस्त्र ने दुनिया के सारे देशों से अपील की है कि वो किसी तरह की आतंकवादी संगठनों व आतंकवादियों को न सिर्फ शरण देना बंद करें बल्कि उनका जड़ से सफाया करने के लिए कदम उठाये। दोनों देशों की ओर से यह भी कहा गया कि हर देश को सीमा पार आतंकवाद को रोकने में भी कदम उठाने चाहिए। मिस्त्र के राष्ट्रपति अल-सीसी की तीन दिवसीय यात्रा के अंत में दोनों देशों की तरफ से 26 जनवरी, 2023 को देर रात संयुक्त बयान जारी किया गया है। बयान में पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादी गतिविधियों को लेकर परोक्ष तौर पर निशाने पर लिया गया। मिस्त्र भारत के साथ मिल कर आतंकवाद के मुद्दे पर कड़े संदेश देने वाला तीसरा अरब मुस्लिम देश है। इसके पहले यूएई व सउदी अरब भी भारत के साथ इस तरह का विचार रख चुके हैं।
स्वेज आर्थिक क्षेत्र में भारतीय कंपनियों को मिलेगी जमीन
संयुक्त बयान में बताया गया कि मिस्त्र ने भारत सरकार के इस सुझाव पर स्वीकार कर लिया है कि उसके तरफ से स्थापित होने वाले स्वेज आर्थिक क्षेत्र में भारतीय कंपनियों को खास जगह आवंटित की जाएगी। इस बारे में भारत से मास्टर प्लान की मांग की गई है। अल-सीसी पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच 25 जनवरी, 2023 को शीर्षस्तरीय बैठक में आर्थिक सहयोग को लेकर काफी महत्वपूर्ण बातचीत हुई थी। इसमें भारत की तरफ से मिस्त्र में निवेश करने के लिए भारतीय कंपनियों की रुचि के बारे में बताया गया था। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय कारोबार में हो रही काफी अच्छी वृद्धि पर संतोष जताया है। अल-सीसी ने भारतीय उद्योगपतियों से भी मुलाकात की है और उन्हें मिस्त्र में पेट्रो रसायन, ऊर्जा, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
रक्षा संबंध मजबूत बनाने पर दोनों देशों का जोर
भारत और मिस्त्र ने रक्षा संबंधों को लगातार मजबूत बनाने पर भी जोर दिया और हाल के वर्षों में इसमें आए सुधार हुआ पर संतोष जताया है। सहमति यह बनी है कि डिफेंस के हर क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा। संयुक्त तौर पर रक्षा उत्पादन की जरूरत की आवश्यकता पर भी विमर्श किया गया और संयुक्त उत्पादन से संबंधित विशेष प्रस्तावों पर दोनों देशों के बीच गठित संयुक्त रक्षा समिति में विचार किया जाएगा।