पीएम मोदी ने स्कूली बच्चों से कहा मां का टाइम मैनेजमेंट सबसे बढिय़ा,समय को बांटिए..लाभ होगा
रायपुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा पे चर्चा के लिए छत्तीसगढ़ की एक शिक्षिका और 2 छात्रों का चयन दिल्ली जाने के लिए किया गया। वे पीएम मोदी के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हैं। बस्तर से छात्र रूपेश कश्यप, नवगठित खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले से छात्रा रश्मि प्रजापति और धमतरी की शिक्षिका ज्योति मगर से पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा की। इस लाइव कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से कुछ और बच्चों ने पीएम से संवाद किया और सवाल पर जवाब भी पाये।
रायपुर के केपीएस स्कूल में भी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में रायपुर के सांसद सुनील सोनी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी पहुंचे। स्कूल के टीचिंग स्टाफ और स्टूडेंट्स ने प्रधानमंत्री की बात लाइव सुनी। रायपुर की स्टूडेंट अदिति दीवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से परीक्षा को लेकर सवाल किए। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि जो मेहनती विद्यार्थी है, उसकी मेहनत उसकी जिंदगी में अवश्य ही रंग लाएगी। हो सकता है कोई नकल कर आपसे दो-चार नंबर ज्यादा ले जाएगा, लेकिन वो कभी भी आपकी जिंदगी की रुकावट नहीं बन पाएगा। आपके भीतर की ताकत ही आपको आगे ले जाएगी।
अदिति ने पीएम मोदी से पूछा सवाल
माननीय प्रधान मंत्री जी नमस्कार, मेरा नाम अदिति दीवान है। मैं कृष्णा पब्लिक स्कूल में कक्षा 12वीं की छात्रा हूं। मेरा आपसे यह प्रश्न है कि मैं इस बात से चिंतित रहती हूं कि मुझे बहुत कुछ करना है, लेकिन अंत तक मैं कुछ भी नहीं कर पाती हूं, क्योंकि मेरे पास बहुत सारे कार्य हैं। यदि मैं कोई कार्य पूर्ण कर लेती हूं, तब और ज्यादा परेशान हो जाती हूं, क्योंकि बाकी कामों में देरी कर देती हूं या बाद में करने के लिए टाल देती हूं। मैं यह
जानने के लिए उत्सुक हूं कि मैं अपना काम समय पर कैसे पूरा करूं?
पीएम नरेंद्र मोदी ने अदिति के सवाल पर कहा कि देखिए सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि जीवन में भी टाइम मैनेजमेंट के पति जागरूक रहें। समय पर कोई काम नहीं करने से काम का ढेर लग जाता है। काम करने में थकान नहीं होती, बल्कि संतोष होता है। काम न करने से थकान होती है। काम न करने से दिखता है, अरे कितना काम बचा है, ये सोचकर थकान होती है। उन्होंने कहा कि एक हफ्ते तक डायरी में नोट करें कि कहां कितना समय बिता रहे हैं, तब आप देख पाएंगे कि आप पसंद की चीजें करने में समय लगा रहे हें। उसमें खोए रहते हैं, फिर आप देख पाएंगे कि जरूरी चीजों में आप कम समय कम दे रहे हैं।
जो सबसे कम पसंदीदा विषय है, कठिन है, तो तय करें कि सबसे पहले 30 मिनट उसे दें। फिर पसंद के विषय पर 20 मिनट दें, फिर कठिन पर समय दें, ऐसा करने से रुचि बढ़ेगी। आपने देखा होगा कि पतंग का जो माझा होता है, उसका गुच्छा बन जाता है। बुद्धिमान आदमी खींचता नहीं है। एक-एक धागे को देखेगा कि खुलने का रास्ता कहां है। कुछ ही देर में माझा सुलझ जाता है। हमें भी जोर जबरदस्ती नहीं करनी है। आराम से सॉल्यूशन निकालना है। सब चीजें हल होंगी।
घर पर मां का काम आब्जर्व करें। मां स्कूल आने-जाने के समय सब काम तैयार कर देती है, मां का टाइम मैनेजमेंट सबसे बढिय़ा होता है। मां टाइम को मैनेज करती है। 9 बजे बच्चे स्कूल जाते हैं, तो सुबह 6 बजे से काम करती है। मां कभी थक गई या परेशान नहीं होती काम से, क्योंकि उसे पता है सब काम उसे मैनेज करना है। मां की गतिविधियों को आॅब्जर्व करोगे, तो आपको टाइम मैनेजमेंट समझ आएगा। माइक्रो मैनेजजेंट चाहिए। किस विषय को कितना समय देना है, ये देखना होगा। ठीक से समय को बांटिए, आपको लाभ होगा।
दुर्ग के छात्र भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े
प्रधानमंत्री से बात से करने के लिए दुर्ग जिले से केंद्रीय विद्यालय दुर्ग और डीएवी हुडको के दो बच्चों को चुना गया। इस कार्यक्रम में दुर्ग जिले से सीजी बोर्ड के किसी भी स्कूल को नहीं लिया गया है। सांसद विजय बघेल हायर सेकेंडरी स्कूल कुरूद, भिलाई नगर में आयोजित परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में मौजूद रहे।
बस्तर से रूपेश कश्यप ने पूछा कि परीक्षा में नकल से कैसे बचें–
सवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी हुई कि हमारे विद्यार्थियों को भी यह लग रहा है कि परीक्षा में जो गलत होता है, उसका रास्ता खोजना चाहिए। मेहनती विद्यार्थियों को इसकी चिंता रहती है कि मैं इतनी मेहनत करता हूं और ये चोरी करके नकल करके गाड़ी चला लेता है। पहले भी चोरी करते होंगे लोग, लेकिन छिपकर। अब गर्व से करते हैं कि सुपरवाइजर को बुद्धू बना दिया। ये जो मूल्यों में बदलाव आया है, वो बहुत खतरनाक है। उन्होंने कहा कि कुछ छात्र पढऩे के लिए समय निकालने के बजाय नकल के लिए चिट बनाने में टाइम देते हैं। इसकी बजाय उतना ही समय क्रिएटिविटी को सीखने में लगा दें, तो शायद अच्छा कर जाएं।
पीएम मोदी ने कहा कि एक एग्जाम से निकलने का मतलब जिंदगी निकलना नहीं है। जगह-जगह एग्जाम देना है, कितनी जगह नकल करोगे। नकलची एकाध एग्जाम निकाल लेगा, जिंदगी पार नहीं कर पाएगा। नकल से जिंदगी नहीं बदल सकती है। ये वातावरण बनाना होगा, एकाध एग्जाम में तुमने नकल की, लेकिन आगे शायद जिंदगी में फंसे रहोगे। दूसरा जो विद्यार्थी कड़ी मेहनत करते हैं, उनसे कहूंगा कि आपकी मेहनत आपकी जिंदगी में रंग लाएगी। हो सकता है कि कोई दो-चार मार्क्स ले जाएगा ज्यादा, लेकिन आपकी जिंदगी की रुकावट नहीं बन पाएगा।