संकट के समय में भी ‘हीरोगिरी’ दिखाने से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, तुर्की से अपग्रेड करवाई पनडुब्बी
इस्लामाबाद
पाकिस्तान में आर्थिक हालात दिन-पर-दिन खराब होते जा रहे हैं। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में लगातार गिरावट आ रही है, जबकि रोजमर्रा की कई चीजों के दाम आसमान तक पहुंच गए हैं। अंदर से खोखला हो चुका पाकिस्तान हीरोगिरी दिखाने के लिए अपने हथियारों को मॉर्डन बना रहा है। हाल ही में तुर्की ने पाकिस्तान को अगोस्टा 90बी क्लास की पनडुब्बी पीएनएस खालिद को अपग्रेड करके वापस सौंपा है। इससे पहले भी तुर्की पीएनएस हमज़ा को अपग्रेड कर चुका है।
तुर्की की इस कंपनी ने अपग्रेड की पनडुब्बी
पाकिस्तानी पनडुब्बी पीएनएस खालिद को जिस तुर्की की कंपनी ने अपग्रेड किया है, उसका नाम एसटीएम डिफेंस टेक्नॉलोजीस एंजीनियरिंग एंड ट्रेड है। यह तुर्की के डिफेंस सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में शामिल है। पिछले दिनों इस कंपनी ने पाकिस्तानी नेवी कमांड को एक समारोह में पीएनएस खालिद को सौंपा। इससे पहले 21 अप्रैल, 2021 को पीएनएस हमज़ा को पाकिस्तान को सौंपा गया था। एसटीएम ने साल 2016 में पनडुब्बी आधुनिकीकरण परियोजना के लिए निविदा जीती थी। यह पहली बार था जब एक तुर्की कंपनी नौसैनिक पोत का आधुनिकीकरण कर रही थी, जो तुर्की नौसेना की सेवा में नहीं था।
पनडुब्बी में क्या किया गया अपग्रेड
पाकिस्तानी पनडुब्बी के कई सेंसर्स, वीपन सिस्टम को लेटेस्ट टेक्नॉलोजी सिस्टम से अपग्रेड किया गया है। अपग्रेड के दौरान पनडुब्बी में मूल सोनार सूट, पेरिस्कोप सिस्टम, सूचना वितरण प्रणाली, कमांड और कंट्रोल सिस्टम, रडार और ईएसएम को फिर से बदल दिया गया। आधुनिकीकरण के दौरान पनडुब्बियों की वर्तमान क्षमताओं से परे अतिरिक्त सुविधाएं भी दी गई हैं। इसके अलावा, तुर्की ने पनडुब्बी में ASELSAN और HAVELSAN से भी कई सिस्टम को एक्सपोर्ट करके लगाया गया है। पनडुब्बी में की गईं सभी अपग्रेडेशन अंतरराष्ट्रीय संगठन डीएनवी द्वारा प्रमाणित हैं। पनडुब्बी की मरम्मत पाकिस्तान के कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स में एसटीएम द्वारा की गई है।
आर्थिक संकट से पाकिस्तान में हाहाकार
पाकिस्तान में भारी आर्थिक संकट की वजह से हाहाकार मच गया है। आटे, रसोई गैस, पेट्रोल आदि के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। पूरी दुनिया को डर है कि पाकिस्तान का भी कहीं श्रीलंका जैसा हाल नहीं हो जाए। ऐसे में संकट से उबरने के लिए सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत कटौती करने समेत कई प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से और सहायता चाहती है।इसी वजह से 6 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की हर शर्त मान ली है। आईएमएफ ने भी इस महीने के अंत तक टीम भेजने की बात कही है।