मदर ऑफ डेमोक्रेसी है भारत, पीएम मोदी ने दी यह किताब पढ़ने की सलाह
नई दिल्ली
साल के पहले और अब तक के 97 वें मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, 'जनवरी का महीना काफी इवेंटफुल हो रहा है। इस साल गणतंत्र दिवस की काफी प्रशंसा हो रही है। प्रधानमंत्री ने कुछ श्रोताओं के पत्र पढ़े और कहा कि कानपुर से जया लिखती हैं कि इस परेड में पहली बार हिस्सा लेने वाली महिला टुकड़ियों की भी सराहना हो रही है। वहीं देहरादून से एक श्रोता ने लिखा है कि मैं 25 तारीख का इंतजार कर रहा हूं क्योंकि इस दिन पद्म पुरस्कारों की घोषणा होती है।'
पीएम मोदी ने कहा, पद्म पुरस्कारों की गूंज उन इलाकों में भी सुनाई दे रही है जो कि नक्सल प्रभावित हुआ करते थे। पद्म पुरस्कार पाने वाले हमारे वे साथी हैं जिन्होंने राष्ट्र के लिए जीवन समर्पित कर दिया और सेवाभाव से अपने काम में लगे रहे। हम उन्हें सम्मानित करके देशवासियों का गौरव बढ़ा रहे हैं. आपसे मेरा आग्रह है कि आप पद्म पुरस्कार पाने वाले इन महानुभावों के प्रेरक जीवन के बारे में जानें और औरों को भी बताएं।
पीएम मोदी ने कहा, गणतंत्र दिवस की चर्चा पर दौरान में किताब का जिक्र करता हूं। इसका नाम, इंडिया द मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। इसमें कई अहम निबंध हैं। हमें गर्व है कि हमारा देश मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। सदियों से यह हमारे कामकाज का अहम हिस्सा रहा है। स्वभाव से हम एक डेमोक्रेटिक सोसाइटी है। डॉ. आंबेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी।
तमिलनाडु के एक शिलालेख का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह एक मिनी संविधान की तरह है जिसमें प्रशासन की बारीकियां बताई गई हैं। उन्होंने कहा, वारंगल के काकीय वंश की गणतांत्रिक परंपराएं बहुत प्रसिद्ध थीं। इस किताब में सिख पंथ की लोकतांत्रिक भावना को शामिल किया गया है जो कि गुरुनानक जी के निर्णयों पर प्रकाश डालता है। मध्य भारत के आदिवासियों की भी इस किताब में जानकारी दी गई है। आप इस किताब को प ढ़ने के बाद महसूस करेंगे कि कैसे देश में सदियों से लोकतंत्र की भावना प्रवाहित होती रही है। इस विष्य पर चर्चा भी करना चाहिए और दुनिया को अवगत भी कराना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, गोवा में एक इवेंट है जिसका नाम है पर्पल फेस्ट। इस इवेंट को 6 से 8 जनवरी तक पणजी में आयोजित किया गया। दिव्यांगजनों को लेकर यह अनूठा प्रयास था। यह बहुत बड़ा मौका था। 50 हजार से ज्यादा भाई बहन इसमें शामिल हुए। यहां आए लोग इस बात को लेकर रोमांचित थे कि अब वह बीच पर घूमने का आनंद उठा सकते हैं। यहां का बीच हमारे दिव्यांग भाई बहनों के लिए आसान बन गया है। यहां फिल्म भी दिखाई गई। पर्पल फेस्ट की खास बात यह भी है कि इसमें देश के प्राइवेट सेक्टर की भी भागीदारी रहती है। इसमें ऐसे प्रोडक्ट दिखाए गए जो कि दिव्यांग फ्रेंडली हैं। मैं इसमें हिस्सा लेने वाले सभी लोगों को बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा, देश के सबसे पुराने विज्ञान संस्थानों में से बेंगलुरु का IISc एक शानदार मिसाल पेश कर रहा है। आपके लिए और मेरे लिए गर्व की बात यह है कि साल 2022 में इस संस्थान के नाम कुल 145 पेटेंट्स रहे हैं. इसका मतलब है कि हर पांच दिन में दो पेटेंट्स। आज पेटेंट फाइलिंग में भारत की रैंकिंग सातवीं है। पांच वर्षों में इसमें करीब पचास फीसदी की वृद्धि हुई है। इनोवेशन रैंकिंग में भी भारत का सुधार हुआ है। एक दिलचस्प बात यह भी है कि भारत में पिछले 11 वर्षों में पहली बार डोमेस्टिक पेटेंट फाइलिंग की संख्या विदेशों से ज्यादै है। हम सभी जानते हैं कि 21वीं सदी की ग्लोबल इकॉनमी में नॉलेज ही सर्वश्रेष्ठ है। हम सभी जानते हैं कि भारत का सपना उनके दम पर जरूर पूरा होगा।
पीएम मोदी ने कहा, जलवायु परिवर्तन के बारे में पीएम मोदी ने कहा, वेट लैंड यानी वो स्थान जहां दलदली मिट्टी होती है। सालभर पानी जमा रहता है। दो फरवरी को वर्ल्ड वेटलैंड डे है। हमारी धऱती के अस्तित्व के लिए यह जरूरी है। यह बायोडाइवर्सिटी को समृद्ध करने के साथ ही भूमिगत जल को सुरक्षित करते हैं। वेटलैंड भले ही किसी भी देश में हों, कई मानकों पूरा करने का बाद इन्हें रामसर साइट घोषित किया जाता है। आजादी के 75 साल पर रामसर साइट से जुड़ी जानकारी यह है कि हमारे देश में अब हमारे देश में ऐसी साइट कीसंख्या 75 हो गई है। जबकि 2014 से पहले केवल 26 रामसर साइट थीं। यह प्रकृति के साथ सद्बाव पूर्वक रहने की हमारी परंपरा का सम्मान है।