रोबोटिक फिजियोथेरेपी मशीन की मांग, डीन डॉ. अरविंद राय को ज्ञापन सौंपा
भोपाल
प्रदेश के शासकीय अस्पतालों व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में रोबोटिक फिजियोथेरेपी की सुविधा नहीं है। इसे देखते हुए प्रदेश के बड़े अस्पतालों में यह मशीन लगाए जाने की मांग उठने लगी है। शासकीय फिजियोथेरेपिस्ट ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद राय को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है। दरअसल, ब्रेन स्ट्रोक या अन्य कारणों से लकवा होने के बाद कमजोर हो चुके हाथ को रोबोटिक फिजियोथेरेपी से एक माह में मजबूती प्रदान की जाती है। इसमें करीब आठ माह का समय लगता है। लंबे समय तक चलने वाली इस थेरेपी के कारण अधिकतर मरीज बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं। ऐसे में अगर यह मशीन आई तो लोगों काफी लकवे के मरीजों को काफी राहत मिल सकेगी।
एक घंटा व्यायाम करवाता है रोबोट
फिजियोथेरेपिस्ट सुनील पांडे बताया कि यह रोबोट प्रतिदिन मरीज की कलाई और अंगुली का एक घंटे व्यायाम करवाता है। सप्ताह में पांच दिन यह व्यायाम चलता है। ऐसे में एक माह में केवल 20 दिन का ही कोर्स होता है। इसे सफलतापूर्वक दिल्ली एम्स में उपयोग किया जा रहा है।