यूपी में महंगा पड़ रहा हूटर का शौक, डेढ़ करोड़ रुपये के चालान
यूपी
हूटर-सायरन व प्रेशर हार्न बजाकर अपने लिए जल्द से जल्द रास्ता खाली कराने वालों की जेबें भी आजकल उसी तेजी से जुर्माने के रूप में खाली हो रही हैं। यूपी के पिछले लगभग दो साल के आंकड़ों के अनुसार संभागीय परिवहन विभाग ने हजारों चालान के माध्यम से सरकारी खजाने में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का इजाफा किया है। इसके बावजूद हूटर के शौकीनों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।
स्वयंभू वीआईपी किसी भी सरकार में हूटर-सायरन और प्रेशर हार्न का भरपूर इस्तेमाल करते हैं। रोकने-टोकने पर कई बार पुलिस-प्रशासन से टकराव भी हो जाता है। पिछले कुछ सालों से प्रशासन ने इन पर नकल कसने में सख्ती प्रांरभ कर दी है। प्रदेश में पिछले दो वर्ष में हूटर या सायरन इस्तेमाल करने वाले 4414 वाहनों का चालान किया गया है।
विभिन्न शहरों की बात करें तो प्रयागराज में 2.3 लाख, जिसमें 2022 में एक लाख और वर्ष 2021 में 1.30 लाख वसूले हैं। गोरखपुर में 109 वाहनों चालकों पर 45500 रुपये का जुमाना लगा। कानपुर में 2022 में हूटर के इस्तेमाल पर 13.90 लाख रुपये के चालान हुए। वहीं, वाराणसी में साल 2021 में 201 वाहनों का चालान किया गया। जिसमें प्रति वाहन दो हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला गया। वहीं, अकेले अलीगढ़ में पिछले दो वर्ष में 108 वाहनों का चालान करते हुए करीब दस लाख से अधिक की धनराशि वसूली गई है। प्रति गाड़ियों को चालान दो हजार से लेकर दस हजार रुपये तक किए गए हैं।
आगरा में सबसे अधिक 33 लाख वसूला जुर्माना
आगरा जनपद में हूटर बजाने पर 40 वाहनों के और प्रेशर हॉर्न लगाने पर 300 वाहनों के चालान किए गए। इनसे करीब 33 लाख शमन शुल्क वसूला गया। फिरोजाबाद में हूटर लगाकर चलने वाले 1230 वाहनों के चालान काटे गए और इनसे करीब 10 लाख रुपये शमन शुल्क वसूला गया। कासगंज में हूटर के 30 चालान काटे गए। इनसे तीन लाख रुपये जुर्माना वसूला गया। मैनपुरी में हूटर का प्रयोग करने पर 13 वाहनों के चालान किए गए जिनसे 2 लाख 60 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया।
प्रेशरहॉर्न चालान के मामले भी अधिक
बता दें कि ध्वनि प्रदूषण के तहत हूटर, सायरन और प्रेशरहॉर्न, साइलेंसर मोडिफिकेशन के चालान किए गए जाते हैं। हूटर और प्रेशर हॉर्न के मामलों को जोड़ दे जो कुल चालान के मामले 1.50 करोड़ से अधिक हो सकते हैं। इन मामलों में डेसीबल के अनुसार दो हजार से दस हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जता है। अलीगढ़ आरटीओ प्रवर्तन फरीदउद्दीन ने बताया कि हूटर और सायरन का कल्चर बढ़ने लगा है। जिसे देखते हुए वाहनों की बोर्नट खोलकर जांच की जा रही है। जिन वाहनों में हूटर या सायरन पाया जा रहा है, उनका चालान सड़क सुरक्षा अधिनियम के तहत किया जा रहा है। गत वर्ष और मौजूदा वर्ष में हूटर और सायरन के चालान संख्या में बढ़त हासिल की गई है।