पलायन, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए चाहिए जन सुराज: राजन सिंह
बिहार
महात्मा गांधी जी के पुण्यतिथि के अवसर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के नेतृत्व में चल रहे पदयात्रा के समर्थन में पदयात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा का संचालन कर रहे राजन सिंह ने कहा कि बिहार की स्थिति काफी दयनीय है। बिहार दम तोड़ती शिक्षा व्यवस्था, गरीबी, भुखमरी व बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। आजादी के बाद भी उस बिहार का कायाकल्प नही हो सका जिसके खुशहाली का सपना महात्मा गांधी ने चंपारण में देखा था।
राजन सिंह कहते हैं कि एक सुखद राज्य का सपना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। अच्छा शासन उसकी कल्पना है और यही जन सुराज है। उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार के काफी आसार हैं फिर भी सरकारें अपनी स्वयं की पीठ थपथपाकर अपनी शाबासी स्वयं लेती हैं। सरकारों के रोना रोने से अच्छा है कि आप इस समस्या की जड़ तक जाएं. बिहार में आज कई कल कारखाने, चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं या बंद होने के कगार पर हैं. बिहार में आज भी आर्थिक तंगी व भूखमरी से लोग परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम जनसुराज के माध्यम से जनसुराज यानी जनता का राज लाना चाह रहे हैं, ताकि हर नागरिक को उनके अधिकार मिल सकें। जनसुराज की पहली प्राथमिकता बिहार में पलायन कर चुके लोगों को अपने गृह राज्य में बुलाकर उनके रोजगार की समुचित व्यवस्था करना व पलायन रोकना है। उन्हें वापस बिहार में लाकर 15 से 20 हजार तक के रोजगार की समुचित व्यवस्था करना हमारा पहला उद्देश्य है। राजन सिंह ने कहा किइस पद यात्रा का मूल उद्देश्य लोगों की जन समस्याओं को समझना एवं उन्हें जागृत करना है।
यात्रा की शुरुवात पटेल नगर स्तिथ गांधी मूर्ति में जन सुराज के राजन सिंह के द्वारा माल्यार्पण कर किया गया। यह यात्रा पटेल नगर से चलकर राजवंशी नगर, हड़ताली मोड़, बोरिंग रोड चौराहा, एन कॉलेज होते हुए जन सुराज कार्यालय पाटलिपुत्र पहुंचकर सभा में तब्दील हुआ। इस पदयात्रा में जन सुराज के पूर्व बार काउंसिल अध्यक्ष बसंत चौधरी, कुंदन किशोर, धनंजय सिन्हा, प्रभात सरसीज, भारती जी, उस्मान साहब, नयन कुमार सहित हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहें।