September 22, 2024

SC ने रेप के आरोपी को किया बरी कर कहा -तीन बच्चों की मां थी और मेच्योर महिला

0

नईदिल्ली
 रेप केस के एक आरोपी को मिली 10 साल की सजा खत्म करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि शादी करने का वादा तोड़ने के हर मामले को रेप के तौर पर नहीं देखा जा सकता। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने कहा, 'कोई इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि आरोपी ने भले ही शादी का वादा किया हो, लेकिन कुछ परिस्थितियों के चलते उसे इनकार करना पड़ा हो। ऐसे में वादा तोड़ने को रेप केस ही नहीं माना जा सकता।' इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट की ओर से शख्स को सुनाई गई 10 साल की कैद की सजा को माफ कर दिया।

दरअसल इस मामले में आरोपी के एक विवाहित महिला के साथ संबंध थे, जिसके पहले से ही तीन बच्चे थे। आरोपी और महिला पड़ोस में ही किराये पर रहते थे और दोनों के बीच संबंध बन गए। इस रिश्ते से एक बच्चे का भी जन्म हुआ। महिला कुछ वक्त बाद उस शख्स के गांव गई तो पता चला कि वह पहले से ही शादीशुदा है और बच्चे हैं। इसके बाद भी वह महिला एक अलग घर में उसके साथ रहती रही। 2014 में महिला ने अपने पति से आपसी सहमति से तलाक ले लिया और बच्चों को भी छोड़कर चली गई। हालांकि एक साल बाद ही 2015 में उसने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी।

अदालत ने कहा, 'आरोप लगाने वाली महिला परिपक्व, तीन बच्चों की मां'

महिला ने कहा कि मैंने शादी का वादा किए जाने पर सेक्शुअल रिलेशन बनाए थे। इसलिए यह रेप का मामला है। इसी पर अदालत ने आरोपी को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा है, 'आरोप लगाने वाली महिला शादी शुदा थी और तीन बच्चों की मांग थी। वह पूरी तरह से परिपक्व थी और उसे मालूम था कि इस तरह के रिश्ते में जाने का क्या अंजाम हो सकता है। यदि आरोपी के साथ महिला के रिश्तों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि उसने अपने पति और तीन बच्चों को ही धोखा दिया था।

शादीशुदा होने के बाद भी क्यों आरोपी संग रहने लगी

जजों ने कहा कि वह शादीशुदा होने के बाद भी उसके साथ रहने चली गई थी। इसी दौरान वह आरोपी से प्रेगनेंट हो गई। इसके बाद भी उसने कोई शिकायत नहीं की। यहां तक कि जब उसे पता चला कि उस शख्स की पहले ही शादी हो चुकी है और बच्चे भी हैं, तब भी वह उसके साथ ही रही। पति से इस दौरान तलाक भी ले लिया था।' जजों ने कहा कि महिला ने रेप का आरोप तब लगाया, जब दोनों के बीच किसी बात को लेकर मतभेद पैदा हो गए। वह आरोपी से बड़ी रकम चाहती थी, जो नहीं मिली तो उसने रेप का केस दर्ज करा दिया। ऐसे में यह मामला रेप का नहीं बनता।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *