गायों की तरह बस्तर में बकरियों का होगा कृत्रिम गभार्धान
जगदलपुर
बस्तर में बकरियों का भी कृत्रिम गभार्धान किया जाएगा, इसके लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों में 4 हजार बार टेस्टिंग की गई है, सभी टेस्टिंग सफल रहा है। अब प्रदेश सरकार जल्द ही इसे पूरे प्रदेश के साथ ही बस्तर में शुरू करने वाले है। इसके लिए पूरी कार्य योजना तैयार कर ली गई है। अब तक गायों में ही कृत्रिम गभार्धान किया जाता है। लेकिन अब बकरियों में भी कृत्रिम गभार्धान शुरू करने वाली है। उच्च नस्ल के बकरे का सीमेन खरीदकर देशी बकरियों में गभार्धान कराया जाएगा।
इससे बस्तर में पाई जाने वाली देशी नस्ल की बकरियों का नस्ल सुधरेगा। देशी नस्ल की बकरियां जो 18 से 20 किलो तक होती है। उनके जो बच्चे होंगे वे बड़कर 80 किलो तक के होंगे। बकरियां पालन करने वाले पशुपालकों के लिए इस योजना को एक बड़ी क्रांति के रूप में देखा जा रहा है। इस योजना से पशुपालकों की आर्थिक विकास में बड़ी मदद मिलेगी। वेटरनरी विभाग द्वारा प्रदेश के पशु चिकित्सकों को कृत्रिम गभार्धान का प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किया गया है। बस्तर जिले के डॉ. विवेक नायक और डॉ. पीएस देशमुख मास्टर ट्रेनर है। जिनके द्वारा शासन केनिर्देश पर जिले के पशु चिकित्सकों को प्रशिक्षण देंगे।
डॉ. विवेक नायक और डॉ. पीएस देशमुख के अनुसार पूरी योजना किसानों व पशुपालकों के लिए पूरी तरह से नि:शुल्क होगा। प्रशिक्षण प्राप्त पशु चिकित्सकों द्वारा बकरियों का कृत्रिम गभार्धान किया जाना है। इसके लिए राज्य सरकार जिस प्रजाति का फ्री जेन सीमेन चाहिए रहेगा, वह खरीदकर यहां की बकरियों का गभार्धान कराएंगे।