सिर्फ यात्रा निकालने से नहीं चलेगा काम, कांग्रेस को हासिल करने होंगे वोट: रामचंद्र गुहा
नई दिल्ली
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा है कि सिर्फ इससे मकसद पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यदि लोकतंत्र को मजबूत करना है तो केवल मार्च निकालने से कुछ नहीं होगा बल्कि वोट भी हासिल करने होंगे। उन्होंने कहा कि देश में स्वस्थ लोकतंत्र को फिर से जिंदा करने के लिए कांग्रेस को मजबूत बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह केवल मार्च निकालकर नहीं बल्कि मत हासिल करके होगा। गुहा ने यहां अपनी पुस्तक ‘इंडिया आफ्टर गांधी’ के तीसरे संस्करण के विमोचन के अवसर पर कहा, ‘स्वस्थ लोकतंत्र, जिसमें कोई एक पार्टी विपक्ष को न चलाए, जैसा कि भारत ने 1970 के दशक के अंत से 2014 तक देखा है।'
अपनी बात को पुष्ट करने के लिए गुहा ने कहा कि अन्य सभी दलों के बीच वह कांग्रेस ही थी, जिसने 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को 191 सीट पर आमने-सामने टक्कर दी थी। रामचंद्र गुहा ने कहा कि कांग्रेस को प्रभाव को हम इससे समझ सकते हैं कि देश के 8 से 12 राज्यों में वह पहले या दूसरे नंबर की पार्टी है। गुहा ने कहा कि 2024 के आम चुनाव में भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि जेडीयू, आम आदमी पार्टी, डीएमके और टीएमसी जैसे दल भाजपा के मुकाबले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में नहीं हैं।
क्या एनसीपी, शिवसेना जैसे दलों से कांग्रेस को मिलेगा फायदा
गुहा ने कहा कि 2019 में 191 सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा को टक्कर दी थी, जिनमें से 16 पर ही उसे जीत मिली थी। इस तरह की उसकी सफलता की दर महज 8 फीसदी ही थी। यदि गठबंधन दलों की ओर से उसे साथ मिला होता तो फिर कांग्रेस जीत सकती थी। लेकिन कांग्रेस अकेले ही लड़ती दिखी थी। उन्होने कहा कि इस बार कांग्रेस को बिहार में आरजेडी और जेडीयू का साथ मिल सकता है। महाराष्ट्र में एनसीपी और शिवसेना साथ आ सकते हैं। तमिलनाडु में डीएमके का समर्थन मिल सकता है। लेकिन अंत में खुद कांग्रेस को ही मजबूत होना होगा ताकि भाजपा को टक्कर दे सके।
राहुली की इमेज एक सक्षम नेता की नहीं, पर भले आदमी
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर गुहा ने कहा कि सिर्फ मार्च निकालने से ही लक्ष्य हासिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जिंदा करने के लिए जरूरी है कि वोट भी हासिल किए जाएं। उन्होंने कहा कि बहुत कुछ इसी बात पर निर्भर करता है कि वे कैसे खुद को पुनर्जीवित करते हैं, लेकिन ऐसा सिर्फ मार्च निकालकर संभव नहीं होगा। इसके लिए वोट भी चाहिए। राहुल की छवि को लेकर गुहा ने कहा कि वह भले आदमी हैं, लेकिन एक सक्षम नेता की इमेज नहीं बना पाए हैं।