फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जन-सहभागिता जरूरी: स्वास्थ्य मंत्री डॉ.चौधरी
भोपाल
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जन-सहभागिता जरूरी है। अभियान के सफल संचालन के लिये जन-प्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त करें। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी बुधवार को भोपाल में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) के कम्युनिकेशन केम्पेन के राज्य स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। किसी भी आयु वर्ग में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुँचाता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि फाइलेरिया रोग से प्रदेश को मुक्त करने के लिए एक साथ मिशन मोड में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सामूहिक दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) एवं फाइलेरिया एवं कालाजार रोग के सम्बन्ध में ऑडियो-विज़ुअल के माध्यम से दिए गए संदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। फाइलेरिया रोग से बचाने के लिए कटनी, उमरिया, टीकमगढ़, निवाड़ी और दतिया में (2 दवाइयों डीईसी, अल्बंडाजोल के साथ), पन्ना, रीवा एवं छतरपुर जिले में (3 दवाइयों डीईसी, अल्बंडाजोल एवं आईवरमेंक्टिन के साथ) 10 से 22 फरवरी तक सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम में 8 जिलों में 39 हज़ार 600 से अधिक दवा सेवक एवं सुपरवाइजर के माध्यम से बूथ पर एवं घर-घर जाकर लगभग 90 लाख 20 हज़ार से अधिक लक्षित जनसंख्या को फ़ाइलेरिया रोधी दवाइयों का सेवन अपने सामने कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभियान से जुड़े अमले को प्रशिक्षण दिया जाए। अभियान में इस बात पर जोर दिया जाये कि सभी लोग उन्हें दी गई फाइलेरिया से बचाव की दवाओं का सेवन कराना सुनिश्चित करें। इसके लिये व्यापक पैमाने पर जन-जागरूकता के कार्यक्रम संचालित किये जायें।
स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने कहा कि सामूहिक दवा सेवन के सफल क्रियान्वयन के लिए विकासखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम किए जाएँ। अभियान के माइक्रो प्लान को सम्बंधित जिलों के जन-प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ साझा किया जाए। फ़ाइलेरिया से सम्बंधित प्रचार-प्रसार सामग्री को मोबाइल रथों से लोगों को दिखाया और सुनाया जाए।
एमडी एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास ने कहा कि सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में दवाइयों का अभाव कभी नहीं रहा, केवल लोगों द्वारा इसके सेवन को सुनिश्चित कराना चुनौती थी। इससे निपटने के लिए इस बार अभियान के एक सप्ताह पहले ही लोगों को कम्युनिकेशन केंपेन से और उपलब्ध अन्य प्रचार-प्रसार सामग्री द्वारा जागरूक करना शुरू कर दिया गया है।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ. हिमांशु जायसवार ने फाइलेरिया, एमडीए अभियान की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एमडीए अभियान (10 से 22 फरवरी) के पहले 2 दिन बूथ पर दवाइयाँ खिलाई जायेगी और उसके बाद 5 दिन घर-घर जाकर दवाइयाँ खिलाई जायेंगी। शेष 3 दिन में छूटे हुए लोगों को दवाइयाँ खिलायी जायेगी। ये दवाएँ 2 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं दी जायेंगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के प्रतिनिधियों, अभियान से संबंधित जिला स्वास्थ्य अधिकारियों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।