अब अमेरिका पर चीन की नजर, पड़ोसी शत्रु राष्ट्र में चीनी कंपनी क्यों कर रही अरबों का निवेश
नई दिल्ली
दुनिया की दो महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से शीतयुद्ध और ट्रेड वार चलता रहा है। गाहे-बेगाहे अलग-अलग मौकों पर दोनों देश अप्रत्यक्ष तौर पर टकराते भी रहे हैं। दोनों ही देश अपने व्यापारिक उदेश्यों की पूर्ति के लिए दुनियाभर के देशों को अपने पाले में करने की कोशिशों में जुटे रहते हैं। ताइवान और यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच फिलहाल तनातनी चल रही है।
इस बीच, चीन ने अमेरिकी बाजार पर कब्जा करने के लिए अमेरिका के शत्रु देश का सहारा लिया है। चीन की नामी फर्नीचर कंपनियों ने अमेरिका से सटे मैक्सिको में अरबों रुपये का निवेश किया है, ताकि कम खर्चे और कम परिवहन लागत में ही अपने फर्नीचर खासकर सोफा अमेरिकियों के घरों में पहुंचा सके। मैक्सिको और अमेरिका के बीच सदियों पुरानी शत्रुता और सीमा विवाद रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, शिपिंग की कठिनाइयों और भू-राजनीतिक परेशानियों से चिंतित चीन के निर्यातकों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी बिक्री को बढ़ावा देने और उसे बनाए रखने के लिए मैक्सिको में कारखाने स्थापित कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी उद्योगपति बिल चान ने मैक्सिको में कभी कदम भी नहीं रखा है बावजूद इसके उसने देश के उत्तरी एकांत राज्य न्यूवो लियोन में अचानक 300 मिलियन डॉलर की अपनी फैक्ट्री मैन वाह फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करने का फैसला किया है। मैन वाह,चीन की सबसे बड़ी फर्नीचर कंपनियों में से एक है। उसने जनवरी 2022 में ही उत्तरी प्रशांत महासागर के अमेरिकी हिस्से के करीब मैक्सिको में अपने उत्पादन केंद्र स्थापित करने की योजना बना ली थी।
इस कदम से चीनी व्यापारी नॉर्थ अमेरिकन ट्रेड डील के भारी-भरकम खर्च से भी बच सकेंगे क्योंकि मैक्सिको में बने चीनी माल पर मेड इन मैक्सिको का लेबल लगने के बाद वह ड्यूटी फ्री होकर अमेरिकी बाजारों में पहुंच सकेगा। अमेरिका चीनी सोफे का बड़ा बाजार रहा है।
मैक्सिको में चीनी निर्माताओं की रुचि उस व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा है, जिसे नियरशोरिंग के रूप में जाना जाता है। इस व्यवस्था में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां शिपिंग समस्याओं और भू-राजनीतिक तनावों के प्रति अपनी मुश्किलों को सीमित करने के लिए उत्पादन केंद्र को बाजार के करीब ले जा रही हैं।