शिव वंदना के बाद ठुमरी-होरी से गुलजार हुई शाम
रायगढ़
कला अकादमी छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद संस्कृति विभाग की ओर से दो दिवसीय विशेष आयोजन प्रारंभ के समापन अवसर पर युवा कलाकारों ने कथक की सधी हुई प्रस्तुति दी। नगर निगम आॅडिटोरियम पंजरी प्लांट रायगढ़ में शुरू हुआ मंचीय प्रदर्शन अंत तक दर्शकों को बांधे रखने में सफल रहा। दर्शकों ने इस स्तरीय कार्यक्रम को सराहा व कलाकारों के प्रस्तुतिकरण की भी जम कर तारीफ की।
आयोजन में अतिथियों के तौर पर पंडित वेद मणि ठाकुर,निमाई चंद्र पंड्या एवं कथक गुरू पं. रामलाल विशेष रूप से मौजूद थे। शुरूआत में दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत चित्रांशी पणिकर ने अपने गुरु व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक नर्तक शरद वैष्णव के मार्गदर्शन में प्रस्तुति दी। एन के पणिकर एवं प्रिया पणिकर की बेटी चित्रांशी ने कथक में प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज से प्रभाकर की उपाधि ली है। वहीं वर्तमान में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय,बनारस में उच्च शिक्षा हेतु अध्ययनरत है। देश के विभिन्न प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुति के अलावा चित्रांशी ने अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव दुबई एवं नेपाल महोत्सव साथ ही भारत नेपाल दूतावास द्वारा आयोजित मैत्री महोत्सव पर अपनी सफलतम नृत्य प्रस्तुति दी है। चित्रांशी को कथक नृत्य की उच्च शिक्षा हेतु गुरु शरद वैष्णव के निर्देशन में भारत सरकार की राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त हो चुकी है।
यहां उन्होंने शिव स्तुति से अपनी शुरूआत की। तीन ताल में उठान, ठाट, आमद, तोड़े टुकड़े,परन, गत व निकास रायगढ़ घराने की कुछ खास बंदिश पेश की। वहीं उन्होंने समापन महाराजा चक्रधर सिंह द्वारा रचित रसों पर आधारित काव्य नवरस से किया। उनके साथ तबले पर रायगढ़ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिलासपुर के कला गुरु पं. सुनील वैष्णव, पढ़ंत पर उनके गुरु शरद वैष्णव रायगढ़, गायन में लालाराम लोनिया रायपुर और सारंगी में उस्ताद शफीक मोहम्मद खैरागढ़ ने संगत की।