वीडियोकॉन पर ईडी ने लगाया 60000 करोड़ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप, सचिन दुग्गल के खिलाफ मांगा NBW
नई दिल्ली
एक तरफ जहां हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अदानी ग्रुप सवालों के घेरे में है तो दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय ने वीडियोकॉन ग्रुप को लेकर बड़ी बात कही है। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में कहा कि वीडियोकॉन ग्रुप ने 60000 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया है। ईडी की ओर से कहा गया है कि बैंकों से 60 हजार करोड़ रुपए तेल और गैस बिजनेस को मोजांबिक, ब्राजील, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, ईस्ट तिमोर में विकास के लिए लिया था, उसकी मनी लॉन्ड्रिंग की गई है।
ईडी की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील सुनील गोन्साल्विस और ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पेश हुए। उन्होंने सचिन देव दुग्गल के खिलाफ गैर जमानती वारंट की मांग की है। ईडी का दावा है कि वीडियोकॉन ग्रुप ने दुग्गल के साथ कई ऐसे लेनदेन किए हैं जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर कोर्ट ने ईडी से कहा कि वह दिल्ली कोर्ट का रुख करें क्योंकि यह मामला ईसीआईआर का है और इससे संबंधित केस वहां चल रहा है। गौर करने वाली बात है कि ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की है। सीबीआई ने 2020 में वीडियोकॉन के सीएमडी वेणुगोपाल धूत के खिलाफ केस दर्ज किया था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ फर्जीवाड़े के मामले में यह केस धूत के अलावा कुछ सरकारी अधिकारियों और प्राइवेट बैंक के कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज किया गया था।
ईडी का दावा है कि अलग-अलग बैंकों से वीडियोकॉन ग्रुप ने पैसा लिया था, इसमे से तकरीबन 196.75 मिलियन डॉलर राशि का इस्तेमाल बिना पूर्व घोषित गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया। तकरीबन 1813 मिलियन डॉलर को विदेश में ले जाया गया। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई ने दिल्ली में इस मामले में केस दर्ज किया है जबकि ईडी ने ईसीआईआर दिल्ली में इसको लेकर केस दर्ज किया है, लिहाजा ईडी को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट का रुख करना चाहिए।
गौर करने वाली बात है कि सीबीआई ने अपनी शुरुआती जांच में कहा था कि अप्रैल 2012 में कंपनी को 2773.6 मिलिनय डॉलर की राशि दी गई थी, यह पैसा विदेश में तेल और गैस से जुड़े काम के लिए दिए गए थे। इसमे से 1103 मिलियन डॉलर को दूसरे काम में इस्तेमाल कियागया। सीबीआई ने कहा कि 2013 में वीडियोकॉन की ओर से कहा गया था कि एससीबी का लोन 400 मिलियन डॉलर से बढ़कर 530 मिलियन डॉलर हो गया है।