November 12, 2024

आगरा में बांग्लादेशियों ने बसा रखी थी बस्ती, 32 गिरफ्तार; 200 से ज्‍यादा पर शिकंजा कसने की तैयारी

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 आगरा 

आगरा की आवास विकास कॉलोनी सेक्टर 14 (सिकंदरा) में बांग्लादेशियों ने बस्ती बसा ली थी। इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के इनपुट पर शनिवार की रात सिकंदरा पुलिस ने बस्ती में छापा मारा। मौके से 13 महिलाएं, 15 पुरुष और 12 साल से अधिक उम्र वाले चार बाल अपचारी को गिरफ्तार किया गया। एक साल से सात साल की उम्र वाले आठ बच्चे भी पकड़े गए। उन्हें आरोपित नहीं बनाया गया है। वे बिना मुकदमे माता-पिता के साथ जेल भेजे गए हैं। पकड़े गए बांग्लादेशियों ने फर्जी तरीके से अपने आधार कार्ड बनवा लिए थे। भारतीय बनकर रह रहे थे। कबाड़ और कूड़ा बीनने का काम करते थे। जी-20 देशों के प्रतिनिधिमंडल को आगरा आना है। तैयारियां चल रही हैं। सुरक्षा के लिए खुफिया एजेंसियों को अलर्ट किया गया है। पिछले चार माह से आईबी बांग्लादेशी घुसपैठियों पर काम कर रही थी। चार लोग पासपोर्ट पर वीजा लेकर बांग्लादेश से आए थे। उनके रुकने के ठिकाने की छानबीन से इंटेलिजेंस ब्यूरो ने सुराग जुटाए।

200 से ज्यादा बांग्लादेशियों पर शिकंजा कसने के करीब आईबी
ताजनगरी में शनिवार देर रात 32 बांग्लादेशी घुसपैठिया पकड़े गए। 200 से अधिक बांग्लादेशी अभी आगरा में और रह रहे हैं। आईबी उन पर शिकंजे के लिए गोपनीय रूप से काम कर रही है। कार्रवाई ने एक बार फिर लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआईयू) की सक्रियता पर सवाल उठा है। अक्तूबर 2019 में सिकंदरा के रुनकता क्षेत्र में बंग्लादेशियों की बस्ती पकड़ी गई थी। बस्ती बसाने वाला ठेकेदार बन गया था। उसने आगरा में प्लाट तक खरीद लिए थे। आवास विकास कालोनी सेक्टर 14 में पकड़ी गई बस्ती बांग्लादेशी हलीम की देन है। वह वर्ष 2009 में भारत आया था। उसके पास तुलसी बाग, दयालबाग के पते पर पैनकार्ड बनवाया था। उसके बाद आधार कार्ड बनवाया।

चार नाबालिग भी पेश किए पुलिस ने बताया कि पकड़े गए 12 बच्चों में चार की उम्र 12 साल से अधिक है। उन्हें किशोर न्यायालय के समक्ष पेश किया। उन्हें बाल सुधार गृह भेजा गया है। अन्य आठ बच्चों की उम्र 7 साल और उससे कम हैं। वे अपने अभिभावकों के साथ जेल जाएंगे। उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। सात साल से कम उम्र के बच्चों को मां के साथ जेल जाने की अनुमति मिल जाती है।

छापे केदौरान इनकी हुई गिरफ्तारी
हालिम (बरौरहाट, बंग्लादेश), फारुख, जूएल शेख, गोबिंदो, हसन, मनीरुल शेख, शिराज शेख, कुरबान शेख, बिश्ती पत्नी बिलाल, सुनाली पत्नी शिराज, जोशीना खातून पत्नी मनीरूल शेख, ब्यूटी पत्नी फारूक (जिला खुलना), रविउल शेख, सूमी पत्नी रविउल शेख (जिला नदिया), साबिर, रुस्तम शेख, जूली पत्नी साविरक, राशिदा पत्नी बाबू शेख, रोशनआरा पत्नी अफजल, रहीमा पत्नी रहीश व शलमा पत्नी बक्कल (जिला उभयनगर), मोहम्मद बबलू, बिलाल, परवेज शेख, फातिमा शेख पत्नी बबलू खान, मोबिना पत्नी असलम, प्रिया पत्नी परवेज शेख (जिला जसौर) के निवासी हैं।

सबसे पुराना है हालिम
पकड़ा गया हालिम बस्ती में नहीं रहता। कैलाश मोड़ के पास किराए पर मकान ले रखा है। वह 12 साल से रह रहा है। हाईवे स्थित एक नर्सिंग होम में 18 हजार रुपये महीने की नौकरी करता है। हाल ही में उसने अपनी पत्नी और बेटी को आगरा बुलवाया था। दोनों पासपोर्ट और वीजा पर आए थे। 

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