मध्यप्रदेश की लाड़लियाँ खेलो इंडिया में दिखा रही दम-खम
भोपाल
खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2022
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर क्षेत्र में महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएँ संचालित कर एक नई दिशा दी है। उन्होंने बालिकाओं के लिए हर संभव व्यवस्था का प्रण लिया है। जहाँ लाड़ली लक्ष्मी योजना जैसी अभिनव पहल की शुरुआत की वहीं खेल के क्षेत्र में भी उन्होंने महिला खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
करीब 10 माह पहले हरियाणा में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मध्यप्रदेश की लड़कियों की ट्रेक एवं फील्ड टीम पदक के दायरे से बाहर हो गई थी। रविवार को 6 सदस्यीय मध्यप्रदेश एथलेटिक्स टीम ने बालिका वर्ग में मेडल टेली में तीसरा स्थान हासिल कर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
अधिक खुशी की बात यह है कि प्रदेश की बुशरा खान और शिवकन्या मुकाती ने 2 स्वर्ण सहित 4 पदक अर्जित किये। मध्यप्रदेश एथलेटिक्स अकादमी की बुशरा ने महिलाओं की 3 हजार मीटर में स्वर्ण और 1500 मीटर में रजत पदक और शिवकन्या मुकाती ने 200 मीटर में स्वर्ण और 400 मीटर में रजत पदक अर्जित किया।
वर्ष 2022 में मध्यम प्रदर्शन से 2023 में पोडियम फिनिश तक के इस बड़े परिवर्तन के मुख्य कारणों में से एक है, घरेलू मैदान पर खेलो इंडिया यूथ गेम्स का होना और एथलीट को स्थानीय प्रशंसकों का बड़ा समर्थन मिलना। मध्यप्रदेश में खेल अधो-संरचना, विशेषज्ञ प्रशिक्षक, निर्धारित डाइट और स्पोर्टस साइंस के बेहतरीन उपकरणों के उपयोग ने भी महिला खिलाड़ियों के विकास में एक बड़ी भूमिका निभाई है।
राज्य सरकार द्वारा संचालित एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, हॉकी, निशानेबाजी, कुश्ती और वॉटर स्पोर्टस की अकादमियाँ नई प्रतिभाओं के कौशल को चमकाने का एक उत्कृष्ट मंच साबित हुईं हैं। “भोपाल में अकादमियों में अधिकांश लड़कियाँ समाज के कमजोर सामाजिक-आर्थिक वर्गों से हैं।
भोपाल की मासूमा यादव और सीहोर की शिवानी वर्मा को राज्य द्वारा संचालित कयाकिंग और कैनोइंग अकादमी में अभ्यास करने का अवसर मिला। इसका फायदा तब दिखा जब इन दोनों ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में सी-2 स्प्रिंट इवेंट में रजत पदक जीता। शिवानी वर्मा ने पिछले साल थाईलैंड में हुई एशियाई स्प्रिंट कैनो चेंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता था। अकादमी में एथलीटों को अच्छी सुविधाएँ मिलती हैं और जब वे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हैं तो इससे समग्र प्रदर्शन में फर्क पड़ता है। राज्य सरकार ने कयाकिंग और कैनोइंग को और बढ़ावा देने के लिए हाल ही में कजाकिस्तान से विदेशी कोच अलेक्सांडोर डायडचुक को नियुक्त किया है।
भोपाल की पिस्टल शूटर चिंकी यादव राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। राज्य की किशोर महिला पहलवान और मुक्केबाजों ने भी राष्ट्रीय स्तर पर अपने आयु वर्ग की श्रेणियों में प्रभाव छोड़ा है।