इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में युवा साहित्यकार एसके रूप का नाम दर्ज
बैकुंठपुर
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन श्रीमद भगवत गीता में वर्णित है मनुष्य का कर्म करने में अधिकार हो फल की चिंता से रहित! जो सही और सार्थक कार्य करते हैं उसका परिणाम भी जनकल्याणकारी और उदाहरण प्रस्तुत करने वाला होता है। युवावस्था में ही एस.के.रूप ने साहित्य पत्रकारिता एवं समाज सेवा हेतु कई उदाहरण प्रस्तुत किए हैं जिसे वैश्विक एवं राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है और समय-समय पर सम्मानित भी हुए हैं। इस बार श्रीरूप का नाम साहित्य झ्रसेवा समर्पण हेतु इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। उक्त रिकॉर्ड विश्व कीर्तिमान में सहभागिता के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाने लिए प्राप्त हुआ है।
गौरतलब है कि श्री रूप ने मां भारती कविता महायज्ञ महाराष्ट्र मुंबई के हिंदी भाषा सेवा हेतु एक पखवाड़े तक निशदिन चले काव्य पाठ ने भाग लिया और लगभग 3 घंटे बिना रुके काव्य पाठ किया जिसका श्रोताओं ने जमकर आनंद भी उठाया था जिसके लिए उनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में दर्ज हुआ एवं सम्मान पत्र व अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए इसी तरह भगवान श्री राम के लिए भक्तिमय काव्य पाठ किया जिसमें विदेशों से भी लोगों ने श्री रामभक्ति दिखाई उक्त भक्ति मय काव्य पाठ में श्री रूप सबसे कम उम्र के युवा कवि होकर अपनी जीवंत छाप वरिष्ठ जनों एवं साहित्यकारों पर डाल दी जिसके लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हुआ और सम्मान पत्र व पुरस्कार प्राप्त हुए।मजे की बात तो यह है कि इन्हीं दो वैश्विक कीर्तिमान में अनवरत रूप से अपनी सहभागिता निभाने हेतु श्री रूप का नाम साहित्यझ्र सेवा समर्पण हेतु इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है।