आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाकर किया 6.5 फीसदी, बढ़ेगा EMI का बोझ
नई दिल्ली
रिजर्व बैंक ने आज इस साल की अपनी पहली मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए कहा कि रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की जाती है। इसके साथ ही रेपो रेट 6.5 फीसदी हो गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अगले वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की रफ्तार 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है। पहले क्वार्टर में जीडीपी 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है, दूसरे क्वार्टर में जीडीपी 6.2 फीसदी, तीसरे क्वार्टर की जीडीपी 6 फीसदी और चौथे क्वार्टर की जीडीपी 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2024 में महंगाई दर 6.5 रहने का अनुमा है।
बता दें कि रेपो रेट वह रेट होता है जिस दर पर रिजर्व बैंक अन्य कॉमर्शियल बैंकों को लोन देता है। ऐसे में जब भी रेपो रेट में बढ़ोत्तरी होती है तो अन्य बैंकों के लिए लोन लेना महंगा हो जाता है। बैंकों को अधिक ब्याज दर पर रिजर्व बैंक से पैसा मिलता है, जिसकी वजह से बैंक लोगों को महंगी ब्याज दरों पर लोन देते हैं। महंगी ब्याज दरों का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ता है और लोगों की ईएमआई में बढ़ोत्तरी होती है।
इसके साथ ही बेंचमार्क इंटेरेस्ट रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की गई है। पिछले साल मई माह में आरबीआई ने शॉर्ट टर्म लेंडिंग रेट को 225 प्वाइंट बढ़ाया था ताकि महंगाई पर काबू रखा जा सके। खुदरा महंगाई दर की बात करें तो शक्तिकांत दास ने अनुमान जताया है कि यह चौथे क्वार्टर तक औसत 5.6 फीसदी रह सकता है। गवर्नर ने कहा कि हम मौजूदा वित्तीय स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। आरबीआई ने मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर को 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ा दिया जोकि अब 6.75 फीसदी हो गया है।