September 23, 2024

क्यों नहीं मनाती नयी दुल्हन ससुराल में पहली होली

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भारत एक ऐसा देश है जहां पूरे साल भांति-भांति के त्योहार मनाये जाते हैं। एक उत्सव खत्म नहीं होता है और दूसरे त्योहार की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। विशेष बात ये है कि इस देश में त्योहारों के साथ कई तरह की मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। होली भी एक ऐसा ही पर्व है जिसके साथ कई तरह के रीति-रिवाज जुड़े हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि नयी दुल्हन को अपनी पहली होली ससुराल में नहीं मनानी चाहिए। जानते हैं आखिर इसके पीछे क्या कारण है।

विवाह के बाद पहली होली मायके में
ऐसा कहा जाता है कि नयी दुल्हन का ससुराल की पहली होली देखना अशुभ होता है। शादी के बाद नवविवाहिता होली मनाने के लिए अपने मायके चली जाती है। यह मान्यता कई सालों से चली आ रही है। लोगों का कहना है कि सास और बहू का एक साथ जलती हुई होली देखना बहुत अशुभ होता है। इससे दोनों के बीच कलह हो सकती है। भविष्य में ये रिश्तों में अविश्वास पैदा कर सकता है। दोनों को व्यक्तिगत तौर पर कोई नुकसान भी हो सकता है।

पति भी जाता है साथ
सिर्फ नवविवाहिता ही होली का त्योहार मनाने मायके नहीं जाती है बल्कि उसके साथ उसका पति भी जाता है। नया जोड़ा लड़की के घर में अपनी पहली होली खेलता है। ऐसा माना जाता है मायके में अपनी पहली होली साथ मनाने से वैवाहिक जीवन की सुखमय व सुखद शुरुआत होती है।

रिश्ता होता है मजबूत
विवाह के बाद लड़की को अपने ससुराल में ही रहना होता है। मगर शादी के बाद पहली होली लड़के और लड़की के परिवार वालों को मेलजोल बढ़ाने का मौका देता है। दामाद के ससुराल में अपनी पहली होली खेलने को लेकर सभी काफी उत्साहित रहते हैं। ये ससुराल पक्ष के साथ रिश्ता मजबूत करने का बेहतरीन अवसर होता है।

नोट: यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। बोल्डस्काई लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और धारणा को अमल में लाने या लागू करने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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