September 27, 2024

‘आशिकी’ से ग्लैमर की दुनिया में अचानक छा जाने वाले राहुल रॉय मना रहे 55 वा जन्मदिन

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बॉलीवुड में इश्क और मोहब्बत को लेकर कई फिल्में बनी हैं। आगे भी इस टॉपिक पर फिल्में बनती रहेंगी, मगर बॉलीवुड में किसी हीरो को सबसे पहले ‘आशिक’ का तमगा हासिल है तो वह हैं राहुल रॉय। अपनी पहली ही फिल्म ‘आशिकी’ से ग्लैमर की दुनिया में अचानक छा जाने वाले राहुल रॉय आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। उनके जन्मदिन पर जानते हैं कि रातोंरात बने सुपरस्टार बने राहुल रॉय का करियर आखिर क्यों डूब गया।

9 फरवरी 1968 को कोलकाता में जन्मे राहुल ने 1990 की सुपरहिट फिल्म ‘आशिकी’ से करियर शुरू किया तो रातोंरात स्टार बन गए। रोमांटिक हीरो की इमेज में राहुल ने सिल्वर स्क्रीन पर ऐसा जादू बिखेरा कि लवर बॉय कहलाने लगे। इसके बाद तो जैसे उनकी किस्मत रूठ गई। उनकी करीब 25 फिल्में लगातार फ्लॉप हुईं, लेकिन एक वक्त ऐसा आया, जब डूबते को तिनके का सहारा मिला। वह फिल्म थी 'जुनून', जो उनकी दूसरी हिट साबित हुई।

बता दें कि राहुल रॉय की जिंदगी संवारने में महेश भट्ट की बड़ी भूमिका रही। मॉडल राहुल को फिल्म ‘आशिकी’ मिलने का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। राहुल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी मां इंदिरा रॉय आर्टिकल लिखती थीं। उनके आर्टिकल पढ़कर जाने-माने निर्माता निर्देशक महेश भट्ट इतने प्रभावित हुए कि उनसे मिलने घर गए। बातचीत के दौरान उनकी नजर राहुल की तस्वीरों पर पड़ी, जिसे देखकर महेश भट्ट ने उन्हें ‘आशिकी’ का ऑफर दे दिया। साथ ही, मॉडल से एक्टर बनने की राह दिखा दी और 20 मिनट की मुलाकात के बाद राहुल को फिल्म ऑफर हुई। साल 1990 में फिल्म 'आशिकी' से राहुल रॉय ने डेब्यू किया और वह रातोंरात स्टार बन गए।

राहुल रॉय को अपनी डेब्यू फिल्म से जो सफलता हाथ लगी, वह उन्हें बाकी किसी फिल्म से नहीं मिली। उनकी पहली फिल्म ‘आशिकी’ के गाने आज भी लोगों को उसी तरह याद हैं, जैसे 90 के दशक में हुआ करते थे। 'जाने जिगर जाने मन', 'मैं दुनिया भुला दूंगा', 'तू मेरी जिंदगी है', 'एक सनम चाहिए आशिकी के लिए', 'अब तेरे बिन', फिल्म के जिस गाने का भी जिक्र करें, वह आपको जरूर याद होगा। आशिकी में राहुल रॉय के साथ अभिनेत्री अनु अग्रवाल नजर आईं।

राहुल रॉय की फिल्म जिस तरह से सुपर-डुपर हिट हुई थी, उसे देखते हुए तो फिल्मों की लाइन लग जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हर तरफ राहुल की चर्चा तो थी, लेकिन वह आठ महीने तक खाली बैठे रहे। बाद में किस्मत ऐसी मेहरबान हुई कि उनके पास 60 फिल्मों का ऑफर एक साथ आ गया। 60 तो नहीं, लेकिन राहुल ने 47 फिल्में साइन कर लीं। शायद वह यहीं जल्दबाजी कर गए। राहुल ने बताया था कि एक साथ इतनी फिल्में करने के पीछे उनका डर था कि कहीं फिर से खाली न बैठना पड़े।

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