‘विरासत में गद्दी मिल सकती है बुद्धि नहीं’, योगी के मंत्री नंदी का अखिलेश पर तीखा वार; बस का किराया और समिट पर छिड़ी रार
लखनऊ
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे सियासी दलों के बीच यूपी में जुबानी जंग तेज होती जा रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट के जरिए यूपी रोडवेज की बसों के बढ़े किराए का मुद्दा उठाया था। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा था कि क्या 24% किराया बढ़ाकर सरकार इन्वेस्टर्स समिट का खर्चा जनता की जेब से निकालना चाहती है। इस ट्वीट के एक दिन बाद योगी आदित्यनाथ सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल नन्दी ने अपने ट्वीट के जरिए अखिलेश यादव को तीखा जवाब दिया। नंदी ने लिखा- 'विरासत में गद्दी मिल सकती है बुद्धि नहीं।'
इतना ही नहीं मंत्री ने यह भी लिखा कि समाजवादी पार्टी जनता के पैसे से सैफई महोत्सव कराती थी। जबकि भाजपा समिट करा रही है। एक अन्य ट्वीट में नंदी ने लिखा- 'अखिलेश जी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के आयोजन से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई मिलेगी और प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। आपकी दृष्टिहीन और दिशाहीन सपा सरकार में जनता की गाढ़ी कमाई सैफई महोत्सव में किस तरह लुटाई जाती थी, ये प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है।' नंदी ने अखिलेश के आरोपों को बेतुका बताते हुए ये ट्वीट किए।
अखिलेश यादव ने किया था ये ट्वीट
रोडवेज बसों के किराये में बढ़ोत्तरी का मुद्दा उठाते हुए अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा था- 'बस का किराया 24% बढ़ाकर क्या उप्र की भाजपा सरकार इंवेस्टमेंट समिट का खर्चा जनता की जेब से निकालना चाहती है क्योंकि उन्हें मालूम है, न अब तक पिछला निवेश आया है और न अगला आएगा। अमीरों की पोषक भाजपा ने महंगाई को ग़रीब व आम जनता की नियति बना दिया है। भाजपा के हटने से ही महंगाई हटेगी।'