दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने ‘राष्ट्रीय आपदा’ की घोषित, जानिए किस भीषण संकट में फंसा है देश?
दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने गुरुवार को देश में भीषण बिजली संकट के बीच 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित कर दिया है। दक्षिण अफ्रीका इन दिनों प्रचंड बिजली संकट से जूझ रहा है और देश की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है, लिहाजा राष्ट्रपति ने देश में 'नेशनल डिजास्टर' घोषित किया है और उन्होंने कहा है, कि ये राष्ट्रीय आपदा दक्षिण अफ्रीका की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए एक संभावित खतरा है।
दक्षिण अफ्रीका के लिए गंभीर खतरा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने राष्ट्र के नाम अपने वार्षिक संबोधन में कहा कि, "हम एक गंभीर ऊर्जा संकट की चपेट में हैं, जिसके बीज कई साल पहले बोए गए थे।" उन्होंने कहा, कि कोविड को लेकर आपात स्थिति हटाए जाने के बाद से देश में बिजली संकट के आपातकालीन हालात बन गये हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका की सरकारी बिजली कंपनी
रिकॉर्ड स्तर पर बिजली कटौती कर रही है, जिसकी वजह से इस साल अफ्रीका के औद्योगिक विकास के 2 प्रतिशत का सफाया हो जाने की आशंका है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है, कि बिजली संकट के जल्द समाधान के लिए राष्ट्रपति रामाफोसा पर भारी प्रेशर है, क्योंकि दक्षिण अफ्रीकी परिवारों और व्यवसायों पर बिजली कटौती का गंभीर असर हो रहा है। हर दिन कई-कई घंट तक बिजली नहीं रहने से लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का मकसद आपको बता दें, कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के बाद संविधान से दक्षिण अफ्रीका के सरकार को कई तरह की विशेष शक्तियां मिल जाती हैं, जिनके तहत सरकार आपातकालीन खरीद प्रक्रियाओं को आगे बढ़ा सकती है, वहीं देश को संकट से बाहर निकालने के लिए सरकार तत्काल नये नियमों को लागू कर सकती है। इससे पहले दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने कोविड संकट के दौरान भी राष्ट्रीय आपदा कानून का इस्तेमाल किया था और अब बिजली संकट के लिए इस अधिकार का इस्तेमाल किया गया है। राष्ट्रपति रामफौसा ने गुरुवार को यह भी कहा, कि वह देश में नये बिजली मंत्री की नियुक्ति करेंगे। क्यों खराब हुई दक्षिण अफ्रीका की स्थिति? बिजली संकट की वजह से दक्षिण अफ्रीका के कई शहरों में गंभीर पानी संकट में उत्पन्न हो गया है, वहीं बड़े अपार्टमेंट्स में रहने वाले लोगों की स्थिति काफी गंभीर है।
बताया जा रहा है, कि दक्षिण अफ्रीका में सरकारी स्तर पर किए गये भारी भ्रष्टाचारा और चोरी की वजह से देश इस गंभीर आपदा में फंसी है, जिसकी वजह से 12 घंटे से ज्यादा वक्त तक बिजली काटी जा रही है। पिछसे 10 सालों में बिजली कंपनियों का नियंत्रण जिन अधिकारियों के हाथों में रहा है, उन्होंने भयंकर चोरी और लूटपाट की है, जिसकी वजह से बिजली कंपनियां आर्थिक तौर पर कंगाली के हालात में पहुंच चुकी हैं।