एक साथ दो चाबी घुमाकर खुलने वाली तिजोरी, कैश में पेमेंट; दिल्ली के जासूसी कांड में ‘नए खुलासे’
नई दिल्ली
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार इन दिनों जासूसी के आरोपों से घिरी हुई है। सीबीआई की प्रारंभिक जांच के बाद हुए खुलासे को लेकर जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर हमलावर है तो वहीं नई-नई जानकारियां भी सामने आ रही हैं। कथित तौर पर विजिलेंस डिपार्टमेंट में बनाए गए 'फीडबैक यूनिट'से केजरीवाल सरकार ने नेताओं की जासूसी कराई। जासूसी के लिए रखे गए 'सीक्रेट सर्विस फंड' और दो चाबी वाली तिजोरी की बात भी सामने आई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 'सीक्रेट सर्विस फंड' को एक ऐसी तिजोरी में रखा गया था, जो दो चाबियों को एक साथ घुमाने पर खुलता था। सीक्रेट ऑपरेशंस के लिए नकद में पेमेंट किया जाता था और इसका ब्योरा एक रजिस्टर में रखा जाता था। इसमें 'S' के आगे नंबर लिखा जाता था। 2016 में फीडबैक यूनिट की शिकायत करने वाले विजिलेंस डिपार्टमेंट के अधिकारी ने अपने लेटर ये बातें लिखी हैं। सीबीआई ने अब इसे सबूत में शामिल किया है। सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी है।
यूनिट के गठन सात महीने बाद और इसमें शामिल होने के 4 महीने बाद शम्स अफरोज नाम के अफसर ने विजिलेंस डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेट्री को लेटर लिखा था। बिहार से आए डीएसपी शम्स ने तीन पन्नों के लिखे लेटर में 'गड़बड़ियों' का जिक्र किया था। रिपोर्ट के मुताबिक वह अफरोज को दिल्ली सरकार में डेप्युटी डायरेक्टर (एडमिनिस्ट्रेशन एंड फाइनेंस) की जिम्मेदारी दी गई थी और वह 30 मई को यूनिट में शामिल हुए थे। उन्होंने 22 सितंबर 2016 को यह खत लिखा था।