सीएम नीतीश की यात्रा से पहले मुजफ्फरपुर में मिले 3 टाइम बम, जांच को पहुंचीं NIA, दहलाने की थी साजिश!
बिहार
बिहार के मुजफ्फरपुर में सीएम नीतीश की समाधान यात्रा से दो दिन पहले टाइम बम मिलने से सनसनी फैल गई है। नीतीश कुमार 14 फरवरी को समाधान यात्रा पर मुजफ्फरपुर आने वाले हैं। बम के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। जांच के लिए एंजेंसियां पहुंच गई हैं। जिले को दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम हो गई है।
मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा के तीन कोठिया मोहल्ला में शुक्रवार की देर रात स्मैक तस्कर के अड्डे पर छापेमारी के दौरान पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से लैस तीन टाइम बम बरामद किए। यह शहर को दहलाने की बड़ी साजिश बताई जा रही है। शहीद खुदीराम बोस सेंट्रल जेल से महज 500 मीटर की दूरी पर टाइम बम मिले हैं। पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार करते हुए दो को हिरासत में लिया है। आतंकी कनेक्शन की आशंका को लेकर एटीएस, आईबी व एनआईए की टीम सक्रिय हो गई है। 400 ग्राम स्मैक बनाने का कच्चा माल, 150 पुड़िया स्मैक, पिस्टल की गोली के पांच खोखे और 20 हजार नकद भी मिले हैं।
एटीएस, आईबी और एनआईए की टीम पूछताछ कर रही
पुलिस टीम ने बरामदगी की सूचना मुख्यालय को दी। इसके बाद एटीएस, आईबी और एनआईए की टीम ने हिरासत में लिए गए युवकों से पूछताछ की। पूछताछ में मिले इनपुट के आधार पर एटीएस उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर समेत कई इलाके में छापेमारी कर रही है। आशंका है कि बम यूपी से लाए गए थे। पकड़े गए आरोपितों में तीन कोठिया मोहल्ले का मो. जावेद, उसका भांजा मो. सैफ उर्फ शीबू औ बुलंदशहर के मंडी चौक थाना के चालीसफुट्टा मोहल्ला का मो. शकील के पुत्र मो. उमैर शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों ने मो. जावेद की गिरफ्तारी की घोषणा कर दी है।
एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि बरामद बम कम तीव्रता वाले थे। मकान या बिल्डिंग ध्वस्त नहीं होता, लेकिन भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे जंक्शन, बस स्टैंड, बाजार में विस्फोट से भारी नुकसान हो सकता था। बरामद बम को एटीएस के दस्ता ने निष्क्रिय कर दिया है। दो बम में लोकल घड़ी और एक में डिजिटल घड़ी लगी थी। इसमें स्विच नहीं था। हालांकि, कुछ मिनटों में स्विच लगाकर सेट समय पर विस्फोट किया जा सकता था। एसएसपी ने बताया कि इन बमों को शहर में कहां लगाया जाना था? उद्देश्य क्या था? इन बिंदुओं पर तीनों युवकों से पूछताछ चल रही है।
पकड़े गए युवकों में एक उत्तर प्रदेश का
स्मैक माफिया जावेद का भांजा मो. सैफ पहले महाराष्ट्र में था। वहां से पश्चिम बंगाल गया। पांच माह पहले मुजफ्फरपुर लौटा। अभी यूपी के फेरीवाले युवाओं के साथ कपड़ा का व्यवसाय कर रहा था। उसके पिता बिजली विभाग से रिटायर कर्मचारी हैं। तीन कोठिया से पिछले अक्टूबर में 70 लाख के ब्राउन शुगर और 10 लाख के स्मैक व विदेशी पिस्टल के साथ पकड़े गए मो. परवेज से मो. जावेद का जुड़ाव है। डीआईयू की टीम दो सप्ताह से स्मैक की बड़ी खेप के साथ घातक हथियार पहुंचने की सूचना पर अलर्ट थी। इसी आधार पर यह कामयाबी मिली है।
फेरीवाला बन घूम रहे थे कई युवा
उमैर के अलावा बुलंदशहर के कई युवक फेरी में कपड़ा बेचने के नाम पर शहर में घूम रहे थे। उसके साथी छापे के बाद से लापता हैं। पुलिस को कपड़ा के बंडल के बीच झोले में बम मिला।