‘बिग बॉस 16’ विनर एमसी स्टैन की इंस्पायरिंग कहानी
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो…कवि दुष्यंत कुमार की लिखी एक कविता की यह लाइन एमसी स्टैन पर एकदम फिट बैठती नजर आ रही है। वही एमसी स्टैन, जो मुंबई के स्लम एरिया में पैदा हुए और वहां से निकल न सिर्फ दुनियाभर में नाम कमाया बल्कि 'बिग बॉस 16' के विनर भी बन गए। भले ही एमसी स्टैन को 'अनडिजर्विंग' बताया जा रहा हो। भले ही यह कहा जा रहा हो कि वह ट्रॉफी और इस जीत के हकदार नहीं, लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि उन्हें यह जीत उनकी तगड़ी फैन फॉलोइंग के कारण मिली है। वो फैन फॉलोइंग, जिसे एमसी स्टैन ने अपनी कड़ी मेहनत से कमाया है।
कभी किसी ने सोचा नहीं था कि मुंबई की झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाला, सड़कों पर रातें गुजारने वाला अल्ताफ तड़वी एक दिन MC Stan बनकर न सिर्फ रैप की दुनिया में छाएगा, बल्कि 'बिग बॉस' का इतिहास भी बदलकर रख देगा। 'बस्ती का हस्ती' और 'पी टाउन बेबी', 'हिंदी मातृभाषा' जैसे वन लाइनर आज लोगों के लिए स्टैन का पर्याय बन चुके हैं। लेकिन एमसी स्टैन का यहां तक पहुंचने का सफर बहुत मुश्किलों भरा रहा। खुद स्टैन ने भी नहीं सोचा था कि झुग्गियों में जिंदगी बिताने वाले वह एक आम से लड़के एक दिन इतना बड़ा रिएलिटी शो को जीतेंगे। 'मंडे मोटिवेशन' सीरीज में हम आपको स्टैन की यही 'फर्श से अर्श' पर पहुंचने और इतिहास रचने की कहानी बता रहे हैं।
पुणे की बस्ती में जन्मे, मुफलिसी में गुजरे दिन
एमसी स्टैन पुणे के बस्ती एरिया के रहने वाले हैं। स्टैन के पिता पुलिस में रहे, लेकिन परिवार की हालत ऐसी नहीं थी कि ढंग से दो वक्त का खाना भी खा सकें। कभी तो ऐसा भी था, जब स्टैन के पास पैसे नहीं होते थे। ऐसे में उन्हें भूखे रहना पड़ता और कई बार सड़कों पर रातें गुजारनी पड़ती थीं। लेकिन एमसी स्टैन ने मुफलिसी और दुखभरे उन दिनों में भी हिम्मत और हौसला बनाए रखा। एमसी स्टैन के माता-पिता चाहते थे कि वह पढ़-लिखकर कामयाब इंसान बनें। लेकिन स्टैन को बचपन से ही गाने लिखने का शौक था। वह पढ़ाई-लिखाई छोड़कर गानों में ही रम जाते। इसके लिए स्टैन को कई बार अम्मी-अब्बू की डांट खानी पड़ी। उन्हें स्टैन का गाने लिखना और रैप करना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। लेकिन स्टैन ने ठान लिया था कि वह रैप की दुनिया में ही नाम कमाएंगे और दुनियाभर में अपनी मातृभाषा हिंदी को पहुंचाएंगे।
12 साल की उम्र में कव्वाली परफॉर्मर, रैपर बन चमके
मात्र 12 साल की उम्र में एमसी स्टैन ने कव्वाली गाने पर परफॉर्म किया। लेकिन एमसी स्टैन को पहचान तब मिली जब वह रैप करने लगे। रैप से स्टैन की पहचान उनके भाई ने करवाई। स्टैन ने अस्तगफिरुल्लाह नाम से अपना रैप गाना रिलीज किया, जो छा गया। इस गाने में स्टैन ने अपने स्ट्रगल की कहानी सुनाई थी, जो लोगों के दिलों को छू गई। इसके बाद स्टैन 'वाटा' नाम से गाना लेकर आए। इस गाने ने स्टैन को स्टार बना दिया। यूट्यूब पर एमसी स्टैन के इस गाने को तब 21 मिलियन व्यूज मिले थे।
कभी रिक्शे पर सोते आज तगड़ी कमाई
इसके बाद एमसी स्टैन ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। जो एमसी स्टैन कभी रिक्शे पर तो कभी सड़कों पर सोता था, बाद में उसके पास लग्जरी कारें आ गईं। स्टैन को हिंदी भाषा से इतना ज्यादा प्यार है कि उन्होंने इसी नाम पर अपना लेबल 'हिंदी रिकॉर्ड्स' शुरू किया और HINDI नाम से डायमंड का सेट भी बनवाया। एमसी स्टैन ने 'बिग बॉस 16' के प्रीमियर पर बताया था कि उनके जूते 80 हजार के हैं और अम्मी ने उन्हें शो में देखने के लिए 70 हजार का टीवी खरीदा है। एमसी स्टैन ने यह भी बताया था कि उनके पास एक स्नेक के डिजाइन की चेन है, जिसकी कीमत करोड़ों में है। वहीं हिंदी नाम का जो डायमंड नेकलेस है, वह करीब 1.5 करोड़ रुपये का है।