MCD ने भी रेहड़ी वालों के खिलाफ चलाया अभियान; बाजारों में सीलिंग की तैयारी, धड़ाधड़ जारी हो रहे नोटिस
नई दिल्ली
दिल्ली के महरौली इलाके में डीडीए की ओर से अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी है। इसको लेकर चल रही सियासत के बीच दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने भी क्रमण विरोधी अभियान तेज कर दिया है। एमसीडी की कार्रवाई को लेकर रेहड़ी पटरी दुकानदारों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। दिल्ली के सैकड़ों स्ट्रीट वेंडर्स सोमवार को एमसीडी कार्यालय के बाहर जमा हुए विरोध प्रदर्शन किया। रेहड़ी पटरी विक्रेताओं ने एमसीडी के खिलाफ नारेबाजी की और व्यवसाय चलाने के लिए समर्पित, वैकल्पिक स्थान दिए जाने की मांग उठाई। वहीं दूसरी ओर राजधानी में सीलिंग की कार्रवाई को लेकर लोगों को धड़ाधड़ नोटिस दिए जा रहे हैं।
वैकल्पिक साइट दिए जाने की मांग
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि साल के अंत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन को देखते हुए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अतिक्रमण विरोधी अभियान तेज कर दिया है। स्ट्रीट वेंडर मोहम्मद इमरान खान ने कहा- हमें अपना व्यवसाय चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। यहां तक कि जिनके पास उचित कागजात हैं उनको भी हटाया जा रहा है। हमें कोई वैकल्पिक (साइट) भी प्रदान नहीं की जा रही है।
कोरोना के बाद चीजें ठीक हुई तो आन पड़ी दूसरी आफत
एक अन्य स्ट्रीट वेंडर संतोष ने कहा कि एमसीडी के अधिकारी हमें अतिक्रमणकारी मान रहे हैं लेकिन हमने अतिक्रमण नहीं किया है। कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है। वेंडरों का आरोप है कि एमसीडी की ज्यादतियों के कारण वे पिछले साल से अपना काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा- दिल्ली में लगभग पांच लाख स्ट्रीट वेंडर हैं। उन सभी को कोविड के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है। अब, जब चीजें बेहतर हुई हैं, तो एमसीडी हटा रही है। रेहड़ी पटरी वालों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए एमसीडी कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
बड़े पैमाने पर सीलिंग की तैयारी
वहीं राजधानी के अंदर सीलिंग की तैयारी भी चल रही है। डीडीए से लेकर एमसीडी की टीमें कार्रवाई करने में लगी हैं। ऐसे में उन लोगों की चिंता बढ़ गई है, जो एमसीडी के नोटिस का सामना कर रहे हैं। राजधानी के करीब 80 छोटे-बड़े बाजारों में एक लाख से अधिक व्यापारी नोटिस का सामना कर रहे हैं। इसमें से करीब 10 हजार व्यापारियों के पास पुन नोटिस भेजा जा चुका है। सबसे ज्यादा नोटिस कन्वर्जन चार्ज के मामले से जुड़े हैं, जिनको लेकर व्यापारी विरोध करते आ रहे हैं।
इन इलाकों में सबसे ज्यादा नोटिस
चांदनी चौक, सदर बाजार, करोलबाग, गांधी नगर जैसे पुराने बाजारों में सबसे ज्यादा कन्वर्जन के नोटिस दिए गए हैं। कमला नगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान नितिन गुप्ता का कहना है कि दिल्ली के अधिकांश बाजारों में सड़कें टूटी हुई हैं। तारों का जाल फैला है। पार्किंग के मामले में काफी बाजारों के सामने मुश्किलें ज्यादा हैं। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा का कहना है कि नोटिस के जवाब में व्यापारी कागजात दिखा रहे हैं तो उन्हें मानने को तैयार नहीं हैं।
आपत्तियों का निस्तारण किए बिना हो रही कार्रवाई
दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के महामंत्री श्रीभगवान बंसल का कहना है कि एमसीडी बीते एक साल से कन्वर्जन चार्ज को लेकर नोटिस भेज रही है लेकिन व्यापारियों की आपत्ति है कि उन चार्ज को हटाएं, जिनसे जुड़ी सुविधा उपलब्ध ही नहीं है। दूसरे चांदनी चौक विशेष क्षेत्र में आता है, जिसमें कन्वर्जन चार्ज लगाए जाने का मुद्दा ही नहीं है, फिर भी नोटिस भेजकर व्यापारियों पर दबाव बनाया जा रहा है।