अतिक्रमण हटाने के दौरान जिंदा जलीं मां-बेटी, SDM-SHO सहित 13 लोगों पर हत्या का केस दर्ज
कानपुर
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां अतिक्रमण अभियान के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस घटना के बाद प्रदेश में सियासी पारा काफी बढ़ गया है। घटना के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया ,जिसके बाद प्रदेश सरकार में मंत्री प्रतिभा शुक्ला मृतक परिवार से मिलने के लिए पहुंची। सपा, कांग्रेस से लेकर सभी विपक्षी दल इस घटना के बाद सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि प्रमिला और उनकी बेटी नेहा की इस हादसे में मौत हो गई जबकि प्रमिला के पति कृष्ण कुमार दीक्षित बुरी तरह से झुलस गए हैं। इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
इस घटना के बाद कानपुर रेंज के आईजी, एडीजी और कमिश्नर मौके पर पहुंचे। गौर करने वाली बात है कि कानपुर देहात का प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटवाने के लिए यहां पहुंचा था, जिस घर को यहां गिराया गया, वहां पर रह रहे लोग खुद को आग के हवाले करने की धमकी दे रहे थे और इन लोगों ने झोपड़ी में खुद को कैद कर लिया। लेकिन जब अभियान शुरू हुआ तो इसके खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यहां अचानक से आग लग गई, जिसमे मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई।
यह घटना मैथा तहली की है, यहां एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और रूरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम व लेखपाल अशोक सिंह के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। इन लोगों को इस पूरी घटना का दोषी बताया जा रहा है। इन लोगों पर आरोप है कि कृष्ण गोपाल दीक्षित के परिवार को इन लोगों ने झोपड़ी में जबरन कैद किया और इसे आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद मंडोली गांव में पुलिस और प्रशासन पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद कानपुर रेंज के आईजी, एडीजी और कमिश्नर मौके पर पहुंचे।
परिवार वालों का आरोप है कि कानपुर देहात और नगर के अधिकारियों ने इस गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है। कृष्ण कुमार दीक्षित का कहना है कि वह यहां काफी लंबे समय से रह रहे थे। परिवार के रिश्तेदारों ने पुलिस के साथ मिलकर हमारे खिलाफ यह अभियान किया है। इन लोगों ने अधिकारियों के साथ मिलकर झोपड़ी में आग लगवा दी, जिसमे मेरी पत्नी और बेटी की मौत हो गई।
परिवार वालों ने मांग की है कि सरकार 50 लाख रुपए का मुआवजा दे। घर के दो बेटों को सरकारी नौकरी दे। साथ ही परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल मुलाकात की मांग रखी है। परिवार ने आजीवन पेंशन की भी मांग रखी है। कानपुर देहात पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया हैा। कानपुर देहात के मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद, थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह के खिलाफ धारा 307, 302 के तहत केस दर्ज किया गया है।