पाकिस्तान में आर्थिक तबाही शुरू, फैक्ट्रियों पर लगने लगे ताले, उद्योग सेक्टर तबाह…
पाकिस्तान
पाकिस्तान में आर्थिक दुर्दशा शुरू हो चुका है और साल 1947 में इस्लाम के नाम पर बना ये मुल्क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पाकिस्तान के पास नकदी खत्म हो चुके हैं, लिहाजा पाकिस्तान अभ विदेशों से सामान नहीं खरीद पा रहा है, जिसकी वजह से अब हालात ये हो चुके हैं, कि कराची पोर्ट पर विदेशों से मंगाया गया सामान जमा होने लगा है, लेकिन पाकिस्तान के कारोबारी उसे खरीद नहीं पा रहे हैं। लिहाजा, सरकार को चेतावनी दी गई है, कि अगर निर्माण सामग्री को खरीदने की इजाजत नहीं दी गई, तो पाकिस्तान में एक झटके में लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। संकट में पाकिस्तान संकट में पाकिस्तान पाकिस्तान की सरकार के पास अब विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से नीचे जा चुका है, लिहाजा पाकिस्तान सरकार ने डॉलर बचाने के लिए विदेशी सामानों की खरीददारी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
विदेशी सामान खरीदने के लिए अब स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की इजाजत लेना जरूरी कर दिया गया है, लिहाजा पाकिस्तान के फैक्ट्री संचालक और दूसरे कारोबारी विदेशी सामान नहीं खरीद पा रहे हैं, जिससे उनका कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ से बेलऑउट पैकेज पर बातचीत फेल होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने सभी आवश्यक खाद्य पदार्थ और दवाओं के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। पाकिस्तान सरकार ने कहा है, कि जब तक आईएमएफ के साथ बातचीत फाइनल नहीं हो जाती है और लोन की किश्त नहीं मिल जाती है, तब तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे।
उद्योगों पर गंभीर असर उद्योगों पर गंभीर असर पाकिस्तान में स्टील, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स जैसे उद्योग बमुश्किल काम कर रहे हैं, और अब हजारों कारखानों को बंद करने की नौबत आ चुकी है, जिसकी वजह से बेरोजगारी संकट में भारी इजाफा होने की आशंका है। स्टील उद्योग ने स्क्रैप धातु की कमी के कारण, गंभीर आपूर्ति-श्रृंखला को लेकर चेतावनी दी है। पाकिस्तान में पिछले कुछ हफ्तों में स्टील से बने उत्पादों की कीमत रिकॉर्ड कीमतों पर पहुंच गए हैं। पाकिस्तान के लार्ज स्केल स्टील प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के प्रमुख वाजिद बुखारी ने कहा, कि "हम सीधे निर्माण उद्योग को सामग्री सप्लाई करते हैं, जो लगभग 45 डाउनस्ट्रीम उद्योगों से जुड़ा है। लेकिन, अब यह पूरा चक्र जाम होने वाला है।" उन्होंने कहा, कि स्टॉक खत्म होने के बाद छोटी फैक्ट्रियां पहले ही बंद हो चुकी हैं, जबकि कुछ बड़े संयंत्र अब कुछ ही दिनों में बंद होने वाले हैं।