वर्ष 2030 तक भारत होगा ड्रोन का ग्लोबल हब,कृषि उड़ान सेवा का विस्तार होगा : सिंधिया
इंदौर
नगर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कहा कि किसानों की जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए कृषि उड़ान सेवा का विस्तार किया जाएगा जिससे उन्हें अच्छा मूल्य मिल सके। श्री सिंधिया ने जी 20 कृषि कार्य समूह की बैठक से इतर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 21 हवाई अड्डों से कृषि उड़ान सेवा शुरु करने के लिए कार्य किया जा रहा है। कृषि और बागवानी उत्पादों को विमान से परिवहन के लिए रक्षा मंत्रालय से बातचीत चल रही है।
उन्होंने कहा कि देश के 31 हवाई अड्डों से कृषि उड़ान सेवा चल रही है जिससे किसानों और मत्स्य पालकों को बेहतर आर्थिक लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र से बड़े पैमाने पर बागवानी और अन्य उत्पादों को देश के अलग अलग हिस्सों तथा विदेशों में भेजा गया है। इन वस्तुओं में मछली, बागवानी उत्पाद,जल्दी खराब होने वाली वस्तुएं, अंगूर,कटहल आदि शामिल हैं। इन वस्तुओं को जर्मनी,लंदन, सिंगापुर और फिलिपींस भेजा गया है।
नागर विमानन मंत्री ज्योति रादित्य सिंधिया ने भारत 2030 तक ड्रोन के उत्पादन और उसके उपयोग का ग्लोबल हब होगा। सिंधिया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग की असीम संभावना है। इससे किसानों को व्यापक लाभ होगा तथा इससे कृषि लागत में भी कमी आयेगी। ड्रोन से कीटनाशकों छिड़काव किया जा रहा है और बीजों की बुआई का काम भी लिया जाता है। इसके अलावा जमीन के सर्वेक्षण का काम भी किया जाता है।
उन्होंने कहा कि देश में ड्रोन के निर्माण और उपयोग को लेकर एक व्यापक एवं प्रभावी नीति बनाई गई है। ड्रोन निर्माताओं को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का लाभ दिया गया है।ड्रोन के उपयोग को आसान बनाया गया है। आने वाले वर्षो में ड्रोन उद्योग को 120 करोड़ रुपए की मदद दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में अनेक कंपनियां आगे आई है। मांग बदने से उद्योग का विस्तार होगा। ड्रोन का बारह मंत्रालय इस्तेमाल कर रही है और सबसे अधिक उपयोग कृषि मंत्रालय में जो रहा है।यहां तक कि उड्डयन मंत्रालय में रेड और ग्रीन जोन को प्रभासित करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किए जा रहा है। स्वस्थ मंत्रालय दुर्गम क्षेत्रों में दवाइयों को भेजने में ड्रोन का उपयोग कर रहा है।