बीजेपी काट सकती है ऐसे सांसदों के टिकट? तैयार करा रही रिपोर्ट कार्ड; क्षेत्र से दूरी पड़ेगी भारी
लखनऊ
मिशन 2024 की तैयारियों में जुटी भाजपा अपने सभी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करवा रही है। चुनाव जीतने के बाद अपने संसदीय क्षेत्रों से दूरी बनाना अब भाजपा के कई सांसदों को भारी पड़ सकता है। इसके लिए बेहद गोपनीय ढंग से सर्वेक्षण कराया जा रहा है। हर लोकसभा क्षेत्र में सांसद के काम और उसकी लोकप्रियता का आंकलन हो रहा है। उनकी कार्यशैली से लेकर जनता और कार्यकर्ताओं में छवि भी सर्वेक्षण का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा संसदीय दल की हालिया बैठक में सांसदों को ज्यादा समय क्षेत्र में रहने की नसीहत दी थी। पीएम ने ऐसा यूं ही नहीं कहा। पार्टी सूत्रों की मानें तो सर्वेक्षण के आधार पर तमाम सीटों का फीडबैक पार्टी नेतृत्व तक पहुंचा है। इसमें कुछ सांसदों की अपने क्षेत्र में बेहद कम सक्रियता का मामला भी शामिल है। चूंकि 2014 व 2019 में भाजपा की प्रचंड जीत में यूपी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है।
प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व तक भी पहुंची शिकायतें
फिलहाल प्रदेश की 80 में से 64 लोकसभा सीटें भाजपा और दो उसके सहयोगी अपना दल (एस) के पास हैं। इनमें से बड़ी संख्या में सांसदों ने 2019 में मोदी लहर पर सवार होकर चुनावी वैतरणी पार की थी। कुछ क्षेत्र में सक्रिय रहे तो कइयों ने मुंह मोड़ लिया। ऐसे सांसदों की शिकायतें प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक भी पहुंची हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी पार्टी ऐसी किसी कमजोर कड़ी को लेकर जोखिम नहीं उठाना चाहती। लिहाजा यूपी के सांसदों का भी पूरा ब्योरा जुटाया जा रहा है। बीते दिनों इंडिया टुडे और सी वोटर का सर्वेक्षण सामने आया था। इसके अलावा भाजपा अलग से भी सर्वेक्षण करा रही है। पार्टी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पहले भी ऐसा करती रही है। सूत्रों का कहना है कि काफी लोकसभा क्षेत्रों का सर्वे पूरा भी हो चुका है।
दी थी नसीहत
बीते दिनों मुख्यमंत्री ने भी मंडलवार सांसद-विधायकों संग बैठकें की थी। उन्होंने सांसदों को समन्वय बनाने की सलाह भी दी थी। सीएम ने यह भी कहा था कि कोई भी यह न मान ले कि उसकी टिकट पक्की है। नेतृत्व जिसे टिकट देगा, वही प्रत्याशी होगा। सभी सांसदों को ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच रहने की सलाह सीएम ने दी थी। साथ ही सांसदों से पांच और विधायकों से तीन-तीन करोड़ रुपये के विकास कार्यों के प्रस्ताव भी लिए गए थे।