उपेंद्र कुशवाहा पर बंटा जदयू, समर्थन में गोलबंद हो रहे कई नेता; चिंतन शिविर में पटना जाएगी टोली
मुजफ्फरपुर
जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा को लेकर मुजफ्फरपुर जिले में गोलबंदी तेज हो गई है। 19-20 फरवरी को पटना में पार्टी का चिंतन शिविर होगा। हालांकि, यह चिंतन शिविर उपेंद्र कुशवाहा ने आयोजित किया है। इसके लिए जदयू किसान प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश महासचिव और महात्मा फूले समता परिषद के जिलाध्यक्ष राजू कुशवाहा के नेतृत्व में जिले के कार्यकर्ताओं की पटना जाने की तैयारी चल रही है।
500 कार्यकर्ताओं को पटना ले जाने का दावा
राजू कुशवाहा ने बताया कि हर प्रखंड से जदयू कार्यकर्ता पटना जाएंगे। कुल पांच सौ कार्यकर्ताओं को पटना ले जाने की योजना है। चूंकि, यह सम्मेलन नहीं है, इसलिए नेताओं व कार्यकर्ताओं की संख्या कम ही रहेगी। प्रखंड से जिला स्तर पर जदयू के विभिन्न प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी चिंतन शिविर में जाने की तैयारी कर रहे हैं। तीन पूर्व जिलाध्यक्ष भी संपर्क में हैं।
जदयू में अंदर ही अंदर फूट
हालांकि, यह चिंतन शिविर जदयू की आधिकारिक घोषणा के अनुसार नहीं हो रहा है। उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी ही पार्टी में बगावत करके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित जदयू के आलाकमान को सकते में डाल दिया है। वे जदयू में अपनी हिस्सेदारी मांग रहे हैं। उनका कहना है कि 90 के दशक में जो हिस्सेदारी नीतीश कुमार को लालू यादव से चाहिए थी, अब वही हिस्सेदारी मुझे नीतीश कुमार से चाहिए। इसके बाद से ही जदयू में अंदर ही अंदर फूट दिख रही है।
इधर, जदयू जिलाध्यक्ष मनोज किसान ने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट है। उपेंद्र कुशवाहा के साथ रालोसपा का विलय हुआ था। उस समय रालोसपा के सारे अधिकारी व कार्यकर्ता को प्रखंड, जिला व राज्य मुख्यालय तक संगठन में जवाबदेही मिली है। कौन क्या कर रहा, यह उनको पता नहीं है। ताजा प्रकरण से उनका कोई लेना-देना नहीं है।