अडाणी समूह के संकट से अन्य क्षेत्रों पर किसी बड़े वित्तीय जोखिम की आशंका नहीं: एसएंडपी
नई दिल्ली
साख निर्धारित करने वाली एसएंडपर ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि अडाणी समूह जिन समस्याओं का सामना कर रहा है, उसका अन्य क्षेत्रों पर कोई सीधा बड़ा वित्तीय जोखिम होने की आशंका नहीं है। हालांकि, कुछ अन्य प्रभाव जरूर हो सकते हैं। जैसे बैंक कंपनियों को कर्ज देते समय अतिरिक्त जांच परख कर सकते हैं।
एसएंडपी के वरिष्ठ निदेशक (बुनियादी ढांचा और जन केंद्रित सेवाओं से जुड़ी इकाइयों की रेटिंग) अभिषेक डांगरा ने कहा कि बाहरी अनुमान के अनुसार, अडाणी समूह की कंपनियों को बैंकों ने जो कर्ज दे रखा है, वह एक प्रतिशत से कम है। साथ ही कंपनियों की साख रेटिंग भी ‘संकट’ स्तर पर नहीं है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि इससे कुछ कंपनियों पर जरूर जोखिम हैं। अगर बैंक संचालन स्तर पर चिंतित हैं, तो वे जांच-परख का दायरा बढ़ा सकते हैं। इससे कर्ज मंजूर होने में देरी हो सकती है।
डांगरा ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अडाणी मामले को लेकर सीधे तौर पर अन्य क्षेत्रों पर वित्तीय जोखिम का मामला नहीं है। लेकिन कुछ पहलू हो सकते हैं…घरेलू बैंक कर्ज देने को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत सकते हैं। इससे लागत या कर्ज देने की समयसीमा पर कुछ असर पड़ सकता है।’’
उनसे पूछा गया था कि क्या एसएंडपी अडाणी समूह संकट के कारण वित्तीय स्थिरता को लेकर कोई जोखिम देखता है।
अमेरिकी वित्तीय शोध और ‘शॉर्ट सेलर’ कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर खातों और कंपनियों के शेयरों में कथित गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था।
हालांकि, अडाणी समूह ने इस सिरे से खारिज करते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में गिरावट जारी है। अबतक कुल मिलाकर बाजार पूंजीकरण के स्तर पर 120 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है।