पेट्रोल 272, आटा-चायपत्ती भी हुआ महंगा, IMF को खुश करने अपनों की ‘बलि’ चढ़ा रहे शहबाज
पाकिस्तान
दिन-ब-दिन खराब होते हालात के बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर पेट्रोल के दामों में 22.20 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है। जिसके बाद पाक में पेट्रोल की कीमत 272 रुपये प्रति लीटर (pakistan petrol rate hike) हो गया है। जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान आईएमएफ से मिलने वाले लोन को अनलॉक करने के लिए ऐसे कदम उठा रहा है। कुछ दिन पहले आईएमएफ की टीम बिना किसी समझौते के लौटी थी, जिसने पाक सरकार की धड़कनें बढ़ा दी है। सरकार अब आईएमएफ को खुश करने के लिए अपनी जनता को 'सूली' पर चढ़ाने के लिए भी तैयार है। शहबाज सरकार के इस कदम से पाक जनता बेहाल है। दूध, घी, चायपत्ती समेत कई बेहद जरूरी चीजों के दाम पहले से आसमान छू रहे हैं। पेट्रोल के दामों में वृद्धि को लेकर शहबाज सरकार ने सफाई दी है कि डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया गिरा है, जिस वजह से ईंधन के दामों में वृद्धि की गई।
बातचीत के लिए आईएमएफ की टीम के पिछले सप्ताह किसी अंतिम समझौते पर पहुंचे बिना ही रह जाने से पाकिस्तान दहशत में है। हालांकि वित्त मंत्री इशाक डार और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सभी पूर्व शर्तों पर सहमति जताई। और अब पाकिस्तान ने पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए हैं जिसने लोगों पर आर्थिक बोझ और बढ़ा दिया है। पाकिस्तान के टिप्पणीकार एफ एस एजाजुद्दीन ने निशाना साधते हुए कहा है कि आईएमएफ, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पाकिस्तान की राजनीति में दखल दे रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ लोन की किश्त जारी करने में देरी कर रहा है। जिसने न सिर्फ शहबाज सरकार को डरा दिया है बल्कि, जनता को भी महंगाई में झोंक दिया है। आईएमएफ लगातार पाक अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधारों का आह्वान कर रहे हैं। डॉन के एडिटोरियल ने सवाल पूछा है, "10 दिवसीय लोन वार्ता पर आईएमएफ का सावधानीपूर्वक तैयार किया गया संक्षिप्त समापन बयान पाकिस्तान में घरेलू और बाहरी असंतुलन को दर्शाता है। एजाजुद्दीन ने पूछा है, "आईएमएफ बार-बार इस्लामाबाद से दीर्घकालिक समाधानों (जैसे संरचनात्मक सुधार) को लागू करने की उम्मीद क्यों करता है, जबकि वहां पहले से ही एक लोकतांत्रिक सरकार मौजूद है।"
मार्च 2022 से 13 फीसदी बढ़ी महंगाई
इस्लाम ख़बर की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में इस वक्त मुद्रास्फीति 33 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो मार्च 2022 की 19.7 प्रतिशत से काफी ज्यादा बै। गेहूं का आटा जैसी दैनिक आवश्यकताएं मध्यम वर्ग की पहुंच से बाहर हो रही हैं। चाय महंगी हो गई है। रिपोर्ट है कि पाकिस्तान के पास पिछले तीन महीनों से कराची बंदरगाह पर शिपमेंट की रिहाई को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक विदेशी मुद्रा नहीं है। आधिकारिक विदेशी प्रवाह में कमी के कारण विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 3 बिलियन अमरीकी डॉलर से नीचे आ गया है।