भूल जाइए छंटनी, फ्रेशर्स को ज्यादा मौके देने की योजना बना रहीं कंपनियां, इस क्षेत्र में अधिक नौकरियां
नई दिल्ली
भारतीय नियोक्ताओं ने इस कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में बड़ी संख्या में नए लोगों को नियुक्त करने का इरादा जताया है। टीमलीज एडटेक ने की गुरुवार को जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। जनवरी-जून 2023 के लिए टीमलीज एडटेक की करियर आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक निराशा के बावजूद, भारतीय नियोक्ताओं का फ्रेशर्स को नियुक्त करने का इरादा जुलाई-दिसंबर 2022 के 59 फीसदी की तुलना में तीन फीसद बढ़कर 62 फीसद हो गया है। इस रिपोर्ट के लिए अक्तूबर-नवंबर 2022 के बीच 874 बड़े, मध्यम और छोटे व्यवसायों का सर्वेक्षण किया गया।
टीमलीज एडटेक के संस्थापक और सीईओ शांतनु रूज ने कहा भर्ती को लेकर वैश्विक सुस्ती के बावजूद, बड़ी संख्या में भारतीय नियोक्ताओं ने फ्रेशर्स को नियुक्त करने का इरादा व्यक्त किया है। इनमें से कुछ ने एक दीर्घकालिक आपूर्ति चैनल बनाने के लिए जबकि अन्य ने अपने उच्च वेतन हासिल करने वाले कर्मचारियों नए प्रशिक्षित प्रतिभाओं के साथ बदलने की बात कही। रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेशर्स से अनुभवी पेशेवरों के लिए कुल भर्ती का इरादा जुलाई-दिसंबर 2022 में पंजीकृत 61 फीसद से मामूली रूप से बढ़कर 68 फीसद हो गया है।
इन क्षेत्रों में होंगी ज्यादा भर्तियां
फ्रेशर्स को हायर करने के सबसे मजबूत इरादे वाले शीर्ष तीन उद्योग सूचना प्रौद्योगिकी (67 फीसद), ई-कॉमर्स और प्रौद्योगिकी स्टार्टअप (52 फीसद) और दूरसंचार (51 फीसद) हैं। वहीं बड़े शहरों में बेंगलुरू 75 फीसद पर फ्रेशर्स के लिए अधिकतम अवसर के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद मुंबई (56 फीसद) और दिल्ली (47 फीसद) का स्थान आता है।
फ्रेशर्श के लिए यहां ज्यादा मौके
फ्रेशर्स की नियुक्तियों में क्लाउड डेवलपर, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग एसोसिएट, साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर, मार्केटिंग एनालिस्ट, सोशल मीडिया स्पेशलिस्ट, कंटेंट राइटर, कैंपेन एसोसिएट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और बायोमेडिकल इंजीनियर शीर्ष भूमिकाओं में उभरे हैं।
गांवों में महंगाई की तुलना में मजदूरी कम
गांवों में मजदूरी में वृद्धि की दर बढ़ती महंगाई की तुलना में कम है और सरकार को छोटे कस्बों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए नीतिगत समर्थन जारी रखना चाहिए। साख के बारे में सूचना देने वाली कंपनी क्रिफ हाई मार्क की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते वर्ष 2022 की पहली छमाही में ग्रामीण मुद्रास्फीति शहरों की महंगाई की तुलना में अधिक रही है। गांवों में खपत कम हुई है जबकि औसतन ग्रामीण बेरोजगारी घटी है।
छंटनी का असर फ्रेशर्स पर कम
भर्ती करने वालों को वर्ष 2023 की पहली छमाही में छंटनी कम होने की उम्मीद है, लेकिन इसमें सूचना प्रौद्योगिकी और वरिष्ठ पेशेवरों की भूमिका सबसे अधिक प्रभावित होगी। वहीं छंटनी का असर फ्रेशर्स पर कम पड़ने का अनुमान है। नौकरी डॉटकॉम के एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है। इसमें 1,400 नियोक्ताओं और सलाहकारों के सर्वेक्षण के जरिये कहा गया है कि केवल चार फीसद उत्तरदाताओं ने कहा है कि उनके संगठनों में प्रमुख भर्ती गतिविधि नहीं होगी। वरिष्ठ पदों पर हालांकि, 20 फीसदी तक छंटनी का अनुमान है।