सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए भटकते रहे मरीज, OPD में पसरा रहा सन्नाटा
भोपाल
डॉक्टर्स महासंघ ने आज विभिन्न मांगों को लेकर अपनी हड़ताल कर दी। इससे हमीदिया, जेपी और काटजू अस्पताल में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि दोपहर में हड़ताल समाप्ति की सूचना जैसी ही फैली मरीजों को राहत मिली। लेकिन दोपहर के पहले हमीदिया अस्पताल में ओपीडी के ताले नहीं खुले। उधर जेपी में खासी संख्या में मरीज पहुंचे, लेकिन इलाज नहीं मिला। दोपहर बाद स्थिति सामान्य होती नजर आई। इधर मप्र शासकीय, स्वशासी चिकित्सक महासंघ के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय के अनुसार यह विरोध व्यवस्थाओं के लिए है।
जेपी अस्पताल पहुंचे कलेक्टर
इधर, जेपी अस्पताल में भी हड़ताल का असर देखा गया। यहां सुबह कलेक्टर अविनाश लवानिया अस्पताल पहुंचे। यहां भी डॉक्टर्स केबिन में नहीं मिले, मरीजों को दूसरे अस्पताल जाना पड़ा।
सुल्तानिया-काटजू में नहीं हुई डिलेवरी
सुल्तानिया और काटजू अस्पताल में दूर-दूराज के क्षेत्रों से प्रसूताएं डिलेवरी के लिए पहुंची, लेकिन उनका पंजीयन तक नहीं हुआ। जो मरीज हैं, उन्हें देखने के लिए डॉक्टर्स ने राउंड तक नहीं लिया।
हमीदिया अस्पताल
हमीदिया में ओपीडी के समय डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे रहे। एक हजार बिस्तर के अस्पताल में जब मरीज डॉक्टरों का इंतजार कर रहे थे, उस समय डॉक्टर टेंट में बैठकर नारेबाजी कर रहे थे। डॉक्टरों को देखकर कई मरीज धरना स्थल तक पहुंच गए।
70 वर्षीय रेखा बाई को नहीं मिला इलाज
हमीदिया अस्पताल में सुबह 9 बजे 70 वर्षीय रेखा बाई इलाज कराने हमीदिया अस्पताल पहुंची। उनसे चलते-फिरते नहीं बन रहा है, सांस लेने में भी समस्या आ रही थी। लेकिन हड़ताल के चलते दो घंटे भटकने के बाद भी बिना इलाज के लौटना पड़ा।
परिजन बोले….
मेरी मम्मी और पापा दोनों ही यहां पर भर्ती हैं। कल बताया जा रहा था कि दोनों ठीक हैं, लेकिन आज बताया गया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं हैं। अभी उनको कोई देखने वाला तक नहीं हैं।
राखी, निवासी, भोपाल
बच्चें का हाथ टूट गया है, प्लास्टर तक नहीं बांध रहे हैं। डॉक्टर्स ने इलाज करने से मना कर दिया। गार्ड ताने दे रहे हैं कि दो दिन बाद गिरना था, आज कहीं हो इलाज करा लो।
रशीद खान, निवासी, भोपाल